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आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या, दोषी कौन, क्या है समाधान !


👉 इंसानों का क्रूर रवैया भी बना रहा खूंखार

👉 अधर में लटकी बंध्याकरण की कार्रवाई

अल्मोड़ा/हम इंसान नहीं, लेकिन दर्द हमें भी होता है। शायद अगर शहर में बेसहारा घूम रहे आवारा पशुओं के पास भाषा होती तो वह हम इंसानों से यही कहते।

इंसानों का रवैया क्रूरता भरा

उल्लेखनीय है कि नगर क्षेत्र की तमाम गलियों—मोहल्लों में इधर—उधर पसरे आवारा कुत्ते बहुत से लोगों को खलते हैं। जिस कारण वह कई बार बेवहज भी इन पर पत्थरों, डंडों, गुलेल आदि से हमला कर देते हैं। अकसर यह जानवर कुछ नासमझों की गलती की वजह से कटखने हो जाया करते हैं। फिर इन्हें हिंसक बता हटाये जाने की मांग शुरू हो जाती है।

पत्थर—डंडों से मारे जाने से अपंग हुए कई कुत्ते

नगर की एक पशु प्रेमी राधिका देवी का कहना है कि नगर क्षेत्र में आवारा कुत्ते तमाम तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं। कई इंसानों द्वारा किए गए हमलों की वजह से अपंग भी हो चुके हैं। कई कुत्तों की आंखें तक पत्थर आदि मार फोड़ दी गई है। इन हालातों में यह आवारा पशु इंसानों को अपने दुश्मन के रूप में देखने लग जाते हैं। यदि कुत्तों के हमलों से बचना है तो सबसे पहले इंसानों को इनके प्रति अपना रवैया बदलना चाहिए।

गंदगी फैलाने का आरोप, दोषी कौन !

अकसर कुत्तों से घृणा करने वाले लोग आरोप लगाते हैं कि उनके मोहल्ले, गलियों में गंदगी किया करते हैं। किंतु गम्भीरता से सोचने की बात तो यह है कि इसके लिए कुत्ते तो दोषी नहीं हैं। यह जानवर किसी पब्लिक टॉयलेट का तो प्रयोग नहीं कर सकते। फिर यह कहां जायेंगे ! इस कारण से कुत्तों से घृणा करने के बाजए इनकी आबादी नियंत्रण के लिए ठोस उपाय करने की जरूरत है।

अधर में लटकी है बंध्याकरण की कार्रवाई

इन आवारा कुत्तों की बंध्याकरण की कार्रवाई किसी अधिकृत संस्था द्वारा सामने नहीं आने से अधर में लटकी हुइ है। पालिका के ईओ भरत​ त्रिपाठी ने बताया कि विगत दो सालों में 981 श्वानों का बंध्याकरण किया गया, लेकिन फिलहाल कार्रवाई दिक्कत पेश आ रही है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर तीन—चार बार विज्ञप्ति निकाली गई, लेकिन अधिकृत संस्थाओं ने प्रतिभाग ​नहीं किया है। निदेशालय को रिक्वेस्ट भी भेजी है।

कुत्तों द्वारा किए जाने वाले हमलों की वजह

समस्या :— अकसर आवारा कुत्ते राह चलते लोगों पर झपट पड़ते हैं। इनके द्वारा इंसानों के अलावा कई अन्य जानवरों पर भी कई बार बड़ा हमला कर दिया जाता है। कुछ लोगों का कहना है कि इन्होंने कई बार बकरियों तक का शिकार कर डाला है।

कारण :— श्वान विशेषज्ञों का इस बारे में कहना है कि हमलों की मुख्य कई वजह होती हैं। अकसर खतरा महसूस करने पर, तनाव में होने पर, इनके द्वारा निर्धारित किए गए इलाके में प्रवेश करने पर, बेवजह छेड़े जाने पर यह हमला कर दिया करते हैं। इसके अलावा कई बार यह उस पर भी हमला करते हैं, जो डॉग फोबिया का पहले से शिकार होता है। कुत्तों को देख घबरा कर भागने लग जाता है। इनमें अकसर बच्चे अधिक होते हैं।

समाधान : —

  1. प्रेमपूर्ण व्यवहार करें

आवारा कुत्तों से बचने का सबसे अच्छा समाधान यही है कि आप इनसे प्रेम करना सीखें। हर पशु प्रेम की भाषा समझता है। यदि आपका रवैया प्रेमपूर्वक है और आप इन्हें खाने के लिए कुछ कभी—कभार दे दिया करें तो यह आपको नहीं काटेंगे।

  1. बेवजह पत्थर आदि नहीं मारें

अकसर कुछ लोगों का स्वभाव होता है कि वह आवारा कुत्तों को देखते ही उन पर बेवजह पत्थर मार देते हैं। या फिर लाठी या गुलेल से भी उन पर वार करते हैं। ऐसे में कुत्ते इंसानों से डरने लगते हैं और उन्हें खतरा मानते हैं। जिस कारण कभी—कभार उनका रवैया हिंसक हो जाया करता है।

  1. भागें नहीं, सामना करें

आवारा कुत्तों से बचने का एक उपाय यह भी है कि इनको देख आप भागे नहीं। यह पशु इंसानों के हाव—भाव को बहुत अच्छे से भांप लिया करते हैं। यदि आप स्वयं को भयभीत दिखायेंगे तो यह पशु व्यवहार के चलते आप पर भौंकना शुरू कर देंगे। अतएव आवारा कुत्तों के हमले के वक्त शांत बने रहना आवश्यक है।

  1. किसी भी वस्तु से डरा दें

आवारा कुत्ते ​यदि हमला कर ही दें तो आप अपनी कमर बेल्ड, पास पड़े पत्थर, डंडे आदि से इन्हें आसानी से डरा सकते हैं। यदि आपने समय रहते इन्हें डरा दिया तो यह निश्चित रूप से आप पर हमला नहीं करेंगे।

निष्कर्ष के रूप में इतना ही कहा जा सकता है कि आवारा कुत्तों व अन्य पशुओं की समस्या से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन, नगर पालिका, वन विभाग को ही नहीं, बल्कि पशु प्रेमी संस्थाओं को भी आगे आने की जरूरत है। गोशालाओं की तरह नगर में डॉग शेल्टर होम भी बनने चाहिए। जहां इन पशुओं को रखा जा सके।

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Deepak Manral

DEEPAK MANRAL E-Mail : [email protected] >> Successful experience of journalism in the field of Daily Hindi News papers & Magazines. (Amar Ujala, Uttaranchal Deep, Pradhan Times Daily, Katyuri Mansarovar, Dharmyudh etc.) >> Career Objective : To broaden my vision by continuous learning & taking up challenging assignments. >> Summary : A total experience of nearly 6 years in the field of desk top publication, Edition & News Reporting Major part had been working with “Amar Ujala” as a News Reporter and later Bureo Chief Bageswar. I have been exposed to both criminal & political Reporting. >> Work Experience : Organization : Ms Amar Ujala publication ltd. Worked as a News Reporter with this reputed Hindi Newspaper wherein exposed to both criminal & Political reporting while being attached to their various offices at Haldwani, Almora, Ranikhet & Bageshwar Duration : 6 Years (Jan 2001 to May 2006) Organization : M/s Katyuri Prakashan (A family owned publication house taking out Quarterly magazines namely ‘Katyuri Mansarovar’ & ‘Dharmyudh’. >> Key Performance Areas Editing of the articles being received from various sources. Handling all related correspondences. Freelance writing in various News Papers : 3 Years (2009 to 2011) Ms Uttaranchal Deep Hindi Daily >> Duration : 7 Years (2012 to 2018) >> Key performance Areas Covered criminal reporting while based at Haldwani. Covered political reporting while based at Almora Office. Was responsible for mainly editing job while based at Ranikhet & Subsequently at Bagheswar office. >> Academic Qualification : M.A. (Hindi) from Kumaun University in 1999. 6 Monts computer Course from JCTI, New Delhi. B.A. From Delhi University in 1996 12th from CBSE, Delhi in 1993 >> Technical Expertise : Proficiency in DTP. Proficient in Page Maker & Coral Draw. Good Knowledge of English & Hindi typesetting. Hardcore Knowledge of composing & editing. >> Personal Profile : Date of Birth : 13th Nov, 1974 Father’s Name : Late Mr. Balwant Manral >> Communication Address : Manral Sadan, Narsing Bari, Almora (Uttarakhand) 263601

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