Almora Breaking: दोषी को कारावास की सजा और अर्थदंड

—पत्नी व बच्चों से मारपीट का मामलासीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ामारपीट के एक मामले में सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने एक अभियुक्त को 15…

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—पत्नी व बच्चों से मारपीट का मामला
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
मारपीट के एक मामले में सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने एक अभियुक्त को 15 महीने के साधारण कारावास व अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। मामला एक साल पुराना है। पत्नी की तहरीर पर चले मुकदमे पर पति को यह सजा हुई है।

मामले के मुताबिक मारपीट की यह घटना 20 फरवरी 2021 की है और वादिनी मंजू देवी ने 28 फरवरी 2021 को राजस्व उप निरीक्षक क्षेत्र लिंगुणता, तहसील व जिला अल्मोड़ा में एक तहरीर दी। तहरीर में बताया गया कि उक्त तिथि को मंजू देवी का पति जीवन लाल पुत्र राम प्रसाद, निवासी ग्राम हटोला शराब के नशे में रात करीब 09 बजे घर पहुंचा और उसने पत्नी मंजू देवी व पुत्र कमल को मारपीट कर कमरे से रात बाहर निकाल दिया तथा दो बेटियों को कमरे में ही बंद कर दिया। करीब आधे घंटे बाद किसी तरह जान बचाकर कमरे से बाहर आई। आरोपी रातभर अंदर हो हल्ला करता रहा और पत्नी ने बच्चों के साथ बाहर खुले आसमान के नीचे रात बिताई।

इस तहरीर पर राजस्व पुलिस ने जीवन लाल के खिलाफ धारा 323, 504 व 506 ता.हि. के तहत मुकदमा दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद विवेचना अधिकारी ने विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा की अदालत में चला। मामले में अभियोजन की ओर से 11 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया गया। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शेखर चंद्र नैल्वाल ने सबल पैरवी की और दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए।

विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा ने पत्रावली में मौजूद मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन करते हुए अभियुक्त को सजा सुनाई। अदालत ने धारा 323 ता.हि. में 09 महीने के साधारण कारावास व 100 रुपये का अर्थदंड, धारा 504 ता.हि. के तहत 15 महीने के साधारण कारावास व 100 रुपये का अर्थदंड तथा धारा 506 ता.हि. के तहत 15 महीने के साधारण कारावास व 100 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। व्यवस्था दी है कि ये तीनों सजाएं साथ—साथ चलेंगी और जेल में बिताई अवधि इस सजा में समायोजित होगी।

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