सरकारी शह पर पहाड़ में भूमि हथियाने की होड़ः तिवारी
- ’भू-माफिया भगाओ, पहाड़ बचाओ’ अभियान बढ़ेगा आगे
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः बाहर से आकर प्रभावशाली व्यक्ति उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जमीनों की खरीद-फरोख्त करने में लगे हैं और यह सब सरकारी शह पर हो रहा है और अगर समय रहते इसके खिलाफ आवाज नहीं उठी, तो यहां बड़ी आबादी हक-हकूकों से ही वंचित नहीं होगी बल्कि भूमिहीन की श्रेणी में आ जाएंगी। यह कहना है कि माफिया संस्कृति विरोधी जन अभियान के संयोजक एवं उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी का। इस अभियान के तहत 13 मई 2023 को अल्मोड़ा आहूत रैली के सिलसिले में श्री तिवारी ने आज प्रेसवार्ता में यह बात कही।
यहां उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पीसी तिवारी ने पत्रकारों को बताया कि ’भू-माफिया भगाओ, पहाड़ बचाओ’ के नारे के साथ 13 मई 2023 को अल्मोड़ा में रैली व प्रदर्शन आयोजित किया गया है। जिसमें विभिन्न संगठन अपने झंडे व बैनरों के साथ शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व दौर से गुजर रहे उत्तराखंड में सरकारी संरक्षण में माफिया प्राकृतिक संसाधनों की अंधाधुंध लूट पर उतर आए हैं और यहां के मूल निवासियों को उनके पुश्तैनी हक-हकूकों वंचित करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली से संचालित सरकारें उत्तराखंड के संसाधनों को भू-माफियाओं के हवाले करने पर तुली हैं। उन्होंने कहा कि कठोर भू कानून बनाने की मांग उठने एवं कोरोनाकाल के बाद पहाड़ में जमीन हथियाने की होड़ लग गई है। जमीनों की जबर्दस्त खरीद-फरोख्त से पहाड़ की एक बड़ी आबादी भूमिहीनों की श्रेणी में आने लगी है। यह आरोप भी लगाया कि पर्यटन विकास के नाम पर अय्यासी के अड्डे बन रहे हैं और गांव-गांव में औने-पौने दामों में जमीनें हथिया ली गई हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि भू-कानून में संशोधन तो किया गया, लेकिन माफियाओं के दबाव में उस कानून को कमजोर बनाया गया। आरोप लगाया कि वर्ष 2018 भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार ने भू-कानून में संशोधन कर औद्योगिक प्रयोजन के लिए उत्तराखंड में असीमित भूमि क्रय करने का अधिकार बाहरी व्यक्तियों को दे दिया। तभी से राज्य में जमीनों की लूट-खसोट बढ़ी। उन्होंने कहा कि असीमित भूमि क्रय करने संबंधी कानून को रद्द कर हिमाचल की तर्ज पर कठोर भू कानून बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने अब तक बाहरी व्यक्तियों द्वारा की गई जमीनों की खरीद-फरोख्त की जांच की जाए। उन्होंने राज्य की सभी संघर्षशील ताकतों तथा राजनैतिक व सामाजिक संगठनों से प्रस्तावित रैली में बढ़चढ़ कर भागीदार करने की अपील की है। इस बीच रैली की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने बताया कि इस रैली के माध्यम से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में भूमि बंदोबस्त व चकबंदी लागू करने, सशक्त भू-कानून लागू करने तथा अब तक हुई जमीनों की खरीद-फरोख्त की उच्च स्तरीय जांच किए जाने की पुरजोर मांग उठाई जाएगी।
प्रेसवार्ता में शामिल सालम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रावत ने कहा कि आज पहाड़ में सौर उर्जा प्लांट लगाने के नाम पर किसानों की जमीनों को हथियाने की कोशिशें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी लीजें भी ली गई हैं। लीज पर ली गई भूमि की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रेसवार्ता में एडवोकेट जीवन चंद्र, एडवोकेट नारायण राम आर्य व राजू गिरी आदि भी मौजूद रहे।