अल्मोड़ा। एक मासूम जिंदगी, जो कल तक बचपन के रंग में हंसते-खेलते आगे बढ़ रही थी। मां की गोद में कभी किलकारियां मार रही थी, तो कभी उछल-कूद में मस्त थी और देखते ही देखते वह जिंदगी औचक खामोश होकर विलीन हो गई। सब यही सोच रहे थे और सभी की आंखें नम थी। यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है, बल्कि उडलगांव में मंगलवार को बना वह गमगीन माहौल था, जब गुलदार के हमले में मारे गए दो वर्षीय मासूम हर्ष की अंत्येष्टि की गई।
उल्लेेखनीय है कि गत सोमवार को अल्मोड़ा जिले के भैसियाछाना ब्लाक अंतर्गत उडलगांव में गुलदार का हमला घर का एक चिराग बुझा गया। दो वर्षीय मासूम हर्ष महरा पुत्र दीपक सिंह महरा को गुलदार मां की गोद से उठाकर ले गया और उसे मार डाला। घर के आंगन में खेल रही यह माूसम जिंदगी सदा के लिए सो गई। इस घटना से मासूम के माता-पिता व अन्य परिजन बदहवास से हो गए हैं। अचानक ऐसी हृदयविदारक घटना हो गई, जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती। विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, एनआरएचएम उत्तराखंड के पूर्व उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक समेत वन विभाग के अधिकारी समेत बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे। मंगलवार को बाड़ेछीना में मृतक मासूम का पोस्टमार्टम हुआ और इसके बाद दल बैंड के पास विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। अंत्येष्टि में भी पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, डीएफओ महातिम यादव समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यह सब देख हर आंखें नम थीं। कई लोग फबक-फबक पर रो पड़े। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
अपडेट: हर आंख नम और पूरा माहौल गमगीन, मासूम जिंदगी हर्ष की अंत्येष्टि
अल्मोड़ा। एक मासूम जिंदगी, जो कल तक बचपन के रंग में हंसते-खेलते आगे बढ़ रही थी। मां की गोद में कभी किलकारियां मार रही थी,…
ये तो बहुत ही दुखद घटना है