हल्द्वानी : वेंडी स्कूल में डिजाइन थिंकिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

हल्द्वानी| यूसर्क के तत्वाधान में एमआईईटी कुमाऊं ने स्कूली विद्यार्थियों के लिए सामाजिक इनोवेशन के डिजाइन थिंकिंग पर 14 एवं 15 मार्च को वेंडी सीनियर…

हल्द्वानी : वेंडी स्कूल में डिजाइन थिंकिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

हल्द्वानी| यूसर्क के तत्वाधान में एमआईईटी कुमाऊं ने स्कूली विद्यार्थियों के लिए सामाजिक इनोवेशन के डिजाइन थिंकिंग पर 14 एवं 15 मार्च को वेंडी सीनियर सेकंडरी स्कूल गौलापार में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

14 मार्च को कार्यशाला का शुभारंभ डॉ. बी.एस. बिष्ट, प्रबन्धन निर्देशक एमआईईटी कुमाऊं, डॉ. कमल सिंह रावत इनोवेशन व इन्क्यूबेशन इंचार्ज, डॉ. विकल बवाड़ी निर्देशक वेंडी स्कूल, डॉ. भावना बवाड़ी प्रधानाचार्या ने दीप प्रज्वलित कर किया।

डॉ. बी.एस. बिष्ट ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाया और उन्हें बताया की यह एक उत्कृष्ट अवसर है, जिसमें आप सभी दो दिनों तक डिजाइन थिंकिंग को सीखने और सामाजिक समस्याओं का इनोवेटिव समाधान निकाल सकते हो। डॉ. बिष्ट ने नवाचार को बढ़ावा देने वाली सरकार की नीतियों की सराहना की, साथ ही स्कूली बच्चों के लिए इस तरह के कार्यक्रम में रुचि एवं सहयोग के लिए डॉ. अनीता रावत, निर्देशक, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र का आभार प्रकट किया।

डॉ. कमल सिंह रावत ने बताया कि डिजाइन थिंकिंग नवाचार के लिए सबसे महत्वपूर्ण टूल है। जिसके माध्यम से जटिल से जटिल समस्याओं को छोटे-छोटे सरल हिस्सों में तोड़कर आसानी से समझा और हल किया जा सकता है। डॉ. रावत के अनुसार, डिज़ाइन थिंकिंग एक प्रक्रिया है, जिससे ऑब्जर्वर या रिसर्च, एनालिसिस, आइडिया, प्रोटोटाइप तैयार करना और टेस्ट करना जैसे 5 स्तर होते हैं। डिजाइन थींकिंग की मदद से स्टूडेंट्स की रचनात्मकता, सामाजिक ज्ञान और समझ को बेहतर किया जा सकता है। डिज़ाइन थिंकिंग में विद्यार्थियों को समस्याओं और चुनौतियों से जुड़े सवालों के दायरे में लाया जाता है और सोचने के लिए समय दिया जाता है जिनसे दिमाग में इनोवेटिव आइडिया के बीज प्रस्फुटित होते हैं। रचनात्मक समाधान के द्वारा विद्यार्थी नपातुला जोखिम लेना और हार से सीखकर आगे बढ़ना भी सीखते है। जिससे उनमें नए आइडिया उत्पन करने, नवाचार एवं आंत्रप्रेन्योरशिप के गुण का भी सृजन होता है।

कार्यक्रम के बारे जानकारी देते हुए डॉ. रीतू तेवतिया ने बताया कार्यशाला में एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग के माध्यम से डिज़ाइन थिंकिंग, सामाजिक एवं भौगोलिक समस्याओं पर चर्चा तथा साइंस प्रोजेक्ट प्रदर्शनी व प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

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