Haldwani : देवदूत बने समाजसेवी योगेश जोशी, संवार दिया विक्षिप्त का जीवन

⏩ 15 माह से भटक रहा था, 8 माह चला उपचार, लौटी याददाश्त ⏩ नैनीताल पुलिस ने मिलाया परिजनों से, निभाई बड़ी भूमिका सीएनई रिपोर्टर,…

⏩ 15 माह से भटक रहा था, 8 माह चला उपचार, लौटी याददाश्त

⏩ नैनीताल पुलिस ने मिलाया परिजनों से, निभाई बड़ी भूमिका

सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी

यहां एक समाजसेवी ने 15 माह से अपने परिजनों से बिछड़े आंध्र प्रदेश के रहने वाले एक विक्षिप्त युवक का जीवन संवार दिया है। नैनीताल पुलिस ने भी अत्यंत सराहनीय भूमिका का निर्वहन करते हुए काफी हद तक स्वस्थ हो चुके युवक को उसके परिजनों के सुरक्षित सुपुर्द कर लिया है। खास बात यह है कि इलाज के पूरे 8 माह बाद युवक की याददाश्त लौटी और वह अपने घर का पता बता पाया।

दरअसल, 15 माह से आन्ध्र प्रदेश चित्तौड़ से लापता विक्षिप्त युवक को समाज सेवी व मानस सेवा केन्द्र ने नव जीवन दिया, वहीं उत्तराखण्ड पुलिस नैनीताल ने युवक को परिजनों से मिलाकर उसे नया जीवन दिया है।

यह है घटना का संक्षिप्त विवरण

08 माह पूर्व समाज सेवी योगेश जोशी को एक विक्षिप्त युवक काठगोदाम सड़क के किनारे भीषण ठंड में आग सेकते हुए दिखाई दिया, जो दिखने में कम उम्र का लग रहा था। इस युवक के तन में फटे कपड़े, नंगे पांव व दाड़ी बाल बढ़े हुए थे। पास जाकर देखा तो जिस आग को वह सेंक रहा है, उसमें आग तो थी ही नहीं। समाजसेवी का दिल उसको देखके पसीज गया। उन्होंने व उनके भाई विपिन थुवाल ने तुरंत उसको उठाकर अपनी कार में बिठाया और मानस सेवा केंद्र ले गए, जहां वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. गणेश मेवाड़ी जी व स्टाफ की देखरेख में उसका उपचार हुआ। मानस सेवा केंद्र ने सहयोग करते हुये विक्षिप्त युवक का आधे शुल्क में उपचार किया।

युवक की लौटी याददाश्त, पुलिस ने किया परिजनों से संपर्क

करीब 01 माह पूर्व डॉ. मेवाड़ी ने योगेश जोशी को जानकारी दी कि युवक अब पहले से काफ़ी स्वस्थ हो चुका है। युवक ने अपना नाम शेखर, पिता का नाम चंडीका बता रहा है। योगेश जोशी तत्काल अस्पताल पहुंचे व पूरी जानकारी हासिल की। योगेश द्वारा नन्दन सिंह रावत, प्रभारी एसओजी नैनीताल को बताया गया कि मानस सेवा केंद्र हल्द्वानी में 01 विक्षिप्त लडका जिसकी उम्र-24 वर्ष है व वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. गणेश मेवाड द्वारा उसका उपचार किया जा रहा था अभी वह लड़का पहले से काफ़ी स्वस्थ हो चुका है व मात्र अपना एवं अपने पिता का नाम ही बता पा रहा है।

एसओजी नैनीताल द्वारा उक्त युवक के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये आंध्र प्रदेश चित्तौड़ के डीसीआरबी का नम्बर लेकर उक्त लड़के की फोटो, नाम एवं पिता का नाम उपलब्ध कराये गये। जिला अपराध अभिलेख ब्यूरो (डीसीआरबी) ने अपने कार्यालय में उपलब्ध गुमशुदा रजिस्टर व अभिलेखों को चैक किया तथा जिले के सभी थानों को सूचित किया गया। जिस पर थाना के प्रभारी द्वारा बालक की गुमशुदा होने के संबंध में डीसीआरबी को सूचित किया गया। प्रभारी एसओजी नैनीताल द्वारा डीसीआरबी के माध्यम से संबंधित थाने के प्रभारी निरीक्षक से संपर्क स्थापित कर युवक के संबंध में 08 माह पूर्व गुमशुदगी दर्ज होना ज्ञात हुआ।

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इसके बाद प्रभारी एसओजी द्वारा गुमशुदा के परिजनों का नंबर लेकर सम्पर्क साधा गया तो जानकारी प्राप्त हुई कि युवक का नाम शेखर पिता का नाम चंडीका माता का नाम रत्नमा, निवासी गांव-अनाकापल्ली, जिला चित्तूर (आंध्र प्रदेश) है। एसओजी प्रभारी के द्वारा युवक की फोटो व्ह्टस एप्प के माध्यम परिजनों को दी गयी। इसके उपरान्त एसओजी नैनीताल द्वारा मानस सेवा केंद्र में युवक की वीडियो कॉल के माध्यम से परिजनों से वार्ता कराकार बरामद बालक को अपने पुत्र के रूप में पुष्टि की गयी तथा कुशलता दी गयी। योगेश जोशी के द्वारा परिजनों का स्वयं रेलवे का टिकट कराकर हल्द्वानी बुलवाया गया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल के समक्ष युवक को उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया।

गदगद दिखे परिजन

आज मंगलवार को युवक के माता-पिता, भाई हल्द्वानी पहुंचे। पिता ने बताया कि उनका बेटा 15 माह से लापता था और उन्होंने कई जगह उसकी ढूंढ़ खोज की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। आज बहुउद्देशीय भवन में एसएसपी पंकज भट्ट, डॉ. जगदीश चन्द पुलिस अधीक्षक अपराध/यातयात नैनीताल, भूपेंद्र सिंह धौनी क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी के समक्ष बेटे से मिलकर माता पिता सभी भावुक हो गए। उन्होंने बेटे से मिलवाने में सहयोग करने के लिए पुलिस प्रशासन, समाजसेवी व चिकित्सकों का आभार जताया।

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