हल्द्वानी : कल से शुरू होगा आठ दिवसीय उत्तरायणी महोत्सव

हल्द्वानी| पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के तत्वावधान में पर्वतीय संस्कृति का प्रतीक उत्तरायणी महोत्सव (घुघुतिया त्यार) कल 8 जनवरी से शुरू होने जा रहा है।…

हल्द्वानी : कल से शुरू होगा आठ दिवसीय उत्तरायणी महोत्सव

हल्द्वानी| पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के तत्वावधान में पर्वतीय संस्कृति का प्रतीक उत्तरायणी महोत्सव (घुघुतिया त्यार) कल 8 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। जो 15 जनवरी तक चलेगा। मीडिया को जानकारी देते हुए शुक्रवार को मंच के अध्यक्ष डॉ. चन्द्रशेखर तिवारी ने बताया कि महोत्सव की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। बता दें कि पर्वतीय सांस्कृतिक मंच विगत 40 वर्षों से पर्वतीय संस्कृति को जीवन्त बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। पर्वतीय संस्कृतिक से सम्बन्धित सभी धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम यहां पर आयोजित किए जाते हैं। उत्तरायणी मेला (घुघुतिया) त्यार, पर्वतीय संस्कृतिक व समाज की भावना को प्रदर्शित करने वाला ऐतिहासिक मेला है।

हल्द्वानी में 14 जानकारी को निकलेगी भव्य शोभायात्रा

मंच के अध्यक्ष तिवारी ने बताया कि इस आठ दिवसीय उत्तरायणी महोत्सव में प्रतिदिन कुमाऊंनी संस्कृति से ओत-प्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होंगे। जिसमें कुमांऊ के प्रसिद्ध गायकों द्वारा अपनी प्रस्तृति देंगे। साथ ही सांस्कृतिक व्यापार मेला, खेलकूद एवं सामाजिक व सांस्कृतिक संदेशों से सुसज्जित भव्य शोभायात्रा मुख्य आर्कषण के केन्द्र होंगे। उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को महानगर में मंच की तरफ से हर वर्ष भांति भव्य शोभा यात्रा निकाली जायेगी।

मंच की रक्षा को पर्वतीय समाज एकजुट : तिवारी

पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के अध्यक्ष डॉ. चन्द्रशेखर तिवारी ने बताया कि विगत दिनों पर्वतीय संस्कृति व समाज पर कतिपय असामाजिक शरारती तत्वों द्वारा जिस प्रकार से हमले का प्रयास किया गया और पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के कार्यक्रमों को बाधित करने का प्रयास किया, उसका सामाना पर्वतीय समाज ने एकजुट होकर संस्था के प्रति समाज में एकजुट होकर संस्था के प्रति अपने भावनात्मक लगवा का परिचय दिया उससे ये साबित हो चुका है कि पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच को आघात पहुंचने वालों को सबक सिखाने के लिए पर्वतीय समाज एकजुट है। विगत दिनों की घटना ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि संस्था निर्विवाद रूप से गैर राजनैतिक हैं यही कारण है कि संस्कृति पर किए जा रहे आघात पर सभी ने एकजुट होकर संघर्ष करने का आहवान किया।

इस दौरान संरक्षक भुवन चंद्र जोशी, एनबी गुणवंत, हुकुम सिंह कुंवर, हेमंत सिंह बगड़वाल, मुकेश चन्द्र शर्मा, पूरन चंद भंडारी, त्रिलोक बनौली, गोपाल सिंह बिष्ट, शोभा बिष्ट, रत्ना श्रीवास्तव, पुष्पा नेगी, ज्योति पाठक आदि मंच के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।

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