NainitalUttarakhand

हल्द्वानी : दोनों छात्राएं मुजफ्फरनगर से बरामद, अब्दुल शमी निकला मास्टर माइंड

Banbhulpura Missing Girl Case | हल्द्वानी के बनभूलपुरा से लापता नाबालिग छात्राओं को पुलिस ने मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से बरामद किया है। पुलिस ने किशोर को भी पकड़ लिया है। पूछताछ में कुछ मददगारों के नाम सामने आने पर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि दोनों छात्राएं किशोर और एक अन्य लड़के के साथ मुंबई भागने की फिराक में थीं। बनभूलपुरा थाना क्षेत्र की 9वीं और 11वीं में पढ़ने वाली दोनों छात्राएं एक ही घर में रहती थीं और इनमें से एक किराएदार थी। नाबालिग लड़का भी इन दोनों के घर के पास रहता था। 20 जून की शाम सात बजे वह इन दोनों को अपने साथ ले गया।

पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि लापता छात्राओं की तलाश में चार टीमें लगाई गईं थीं। इन तीनों को हल्द्वानी बस अड्डे में देखा गया था जहां से आरोपी लड़का उन्हें ई-रिक्शा में बैठाकर मंगलपड़ाव ले जाता नजर आया। सीसीटीवी और लड़कियों के मोबाइल की सीडीआर खंगाली गई तो लोकेशन मृदाटोला सहसवान बदायूं में मिली। इस क्षेत्र में आरोपी लड़के की बहन निशा उर्फ नूरीन पत्नी उजैर उर्फ आसिफ रहती है। टीम यहां पहुंची लेकिन सभी 20 मिनट पहले ही वहां से निकल चुके थे। निशा ने भागने के लिए आरोपी लड़के को दो हजार रुपये भी दिए। पुलिस ने पूछताछ की तो निशा और उसके पति उजैर ने लड़कियों के घर आने की बात छिपा ली। पुलिस के जाते ही निशा ने लड़के के मामा मो. अब्दुल शमी उर्फ भोला को सूचना दी।

इसके बाद आरोपी लड़के की बहन, जीजा और मामा ने पुलिस को गुमराह करना शुरू किया और दूसरी ओर से तीनों को मुंबई भेजने की योजना बनाने लगे। इसी बीच पुलिस को पता लगा कि तीनों ट्रेन से बैठकर दिल्ली निकले हैं। टीम पीछे लगी और तीनों को रेलवे स्टेशन मंसूरपुर मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से बरामद कर लिया। इनके साथ एक लड़का आमिल पुत्र अमीर हसन निवासी ग्राम बिहारी सिखेड़ा मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश भी था,जिसे पूछताछ के लिए पुलिस अपने साथ लाई है।

हल्द्वानी : दोनों छात्राएं मुजफ्फरनगर से बरामद, दिल्ली के बाद मुंबई भेजने की थी तैयारी; अब्दुल शमी निकला मास्टर माइंड

पुलिस एक दिन लेट होती तो चारों मुंबई होते

सर्विलांस से तीनों नाबालिग पकड़े गए और पुलिस ने राहत की सांस ली। आमिल गलती नहीं करता और मोबाइल में अपना सिम नहीं डालता तो तीनों पुलिस की पकड़ से काफी दूर जा चुके होते। आमिल और तीनों नाबालिग मंगलवार रात मुंबई भागने वाले थे।

ये आरोपी पकड़े गए हैं –

1- आमिल पुत्र अमीर हसन निवासी ग्राम बिहारी थाना सिखेड़ा जिला मुजफ्फरनगर यूपी
2- निशा उर्फ नूरीन पत्नी उजैर उर्फ आसिफ निवासी मृदाटोला थाना सहसवान बदायूं
3- उजैर उर्फ आसिफ पुत्र हफीज अहमद निवासी मृदाटोला
4- अब्दुल समी उर्फ भोला पुत्र अब्दुल रशीद निवासी लाइन नंबर 17 थाना बनभूलपुरा
5- नाबालिग लड़का

नाबालिग शातिर ने तोड़ दिया था सिम

नाबालिग छात्र-छात्राओं को पता था कि पुलिस मोबाइल लोकेशन से उन्हें पकड़ सकती है। इस कारण उन्होंने बदायूं पहुंचते ही सिम तोड़ दिया। इसके बाद मोबाइल भी बंद कर दिया। इस कारण पुलिस तीनों नाबालिग को मुखबिर तंत्र के सहारे खोज रही थी।

मोबाइल एक हजार रुपये में बेचा, सिम लगते ही मिली लोकेशन

दो नाबालिग छात्राओं और नाबालिग युवक के पास पैसे नहीं थे। इसके लिए इन्होंने एक हजार रुपये में अपने दोस्त आमिल को मोबाइल बेच दिया। मोबाइल में जैसे ही आमिल ने सिम लगाया। पुलिस को लोकेशन मिल गई और तीनों पकड़े गए। साथ ही मददगार भी दबोचे गए।

पुलिस ने नाबालिग का मोबाइल सर्विलांस पर लगाया था। पांच दिन से इनका मोबाइल बदायूं के बाद से बंद आ रहा था। पुलिस मोबाइल की ईएमआई को दो बार सर्विलांस में लगाकर चेक कर रही थी। सोमवार रात पुलिस को मोबाइल की लोकेशन मुजफ्फरनगर में मिली। एसओ बनभूलपुरा नीरज भाकुनी, एसओजी इंचार्ज संजीत राठौर, मंडी चौकी इंचार्ज दिनेश जोशी के नेतृत्व में टीम मुजफ्फरनगर पहुंची। यहां से बिहारी सिखेड़ा निवासी अमिल के घर पहुंची और उसे उठाया फिर पूछताछ की। पूछताछ में उसने बताया कि मोबाइल अपनी नाबालिग दोस्त से खरीदा है। वह दिल्ली जाने वाले हैं और अभी रेलवे स्टेशन पर होंगे। पुलिस आमिल को लेकर रेलवे स्टेशन पहुंची और तीनों को पकड़ लिया।

घर मत ले जाना, घर वाले मारेंगे

एक नाबालिग लड़की ने पुलिस को बताया कि घर वाले उसे मारते हैं। इस कारण वह घर से भागकर अपनी दोस्त और उसके पुरुष मित्र के साथ भागकर आ गई। वह पुलिस से बार-बार कहती रही कि वह उसे घर लेकर न जाए। नहीं तो घर वाले उसे मारेंगे।

शक होने पर तीनों प्लेटफार्म में छुप गए

नाबालिग लड़के का मामा तीनों की मदद कर रहा था। इन्हें पता था कि पुलिस उनके पीछे पड़ी है, जब भी ये ट्रेन से भागते तो पहले रेलवे स्टेशन पर देखते थे कि कहीं कोई पीछा तो नहीं कर रहा है। इसके बाद ये कुछ देर वहीं कोना देखकर छुप जाते। पुलिस जब मुजफ्फर नगर रेलवे स्टेशन पहुंची तो तीनों नाबालिग ने आमिल के साथ कुछ लोगों को देख लिया। इस कारण वह रेलवे स्टेशन में कोने में छुप गए। उधर ट्रेन आने के समय जैसे ही ये निकले तो पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया।

आमिल को जानती थी किराएदार की लड़की

आमिल पुत्र हसन तीन साल राजपुरा क्षेत्र में रह चुका है। वह यहां टाइल और पत्थर लगाने का काम करता था। तब इनकी आपस में दोस्ती हो गई थी। ये आपस में बात भी करते थे। आमिल किराएदार की लड़की से शादी करना चाहता था। इस कारण उसने इन्हें भागने में पूरी मदद की। साथ ही एक हजार रुपये में मोबाइल खरीदा और दो हजार रुपये दिल्ली जाने और रहने के लिए भी दिए।

लड़के का मामा अब्दुल समी है मास्टरमाइंड

नाबालिग लड़के का मामा इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड है। वही अपने भांजे को शादी करने, उसे घर से भगाने की राय दे रहा था। वह पूर्व में दूसरे समुदाय की लड़की से शादी कर चुका है। इस मामले में उसे जेल भी हुई थी।

पुलिस के अनुसार बनभूलपुरा निवासी अब्दुल समी अपने भांजे को दूसरे समुदाय की लड़की से शादी करने की राय दे रहा था। अब्दुल समी वर्ष 2022 में दूसरे समुदाय की लड़की से शादी कर चुका है। इस मामले में बनभूलपुरा पुलिस ने इसे पकड़ा था। उस समय जिस लड़की से अब्दुल समी ने शादी की थी, वह नाबालिग थी। इस कारण पुलिस ने लड़की को नारी निकेतन भेज दिया था। बाद में जेल से छूटने और लड़की के बालिग होने पर अब्दुल समी ने उससे शादी कर ली। वह भी अपने भांजे की शादी दूसरे समुदाय की लड़की से कराना चाहता था। पुलिस के अनुसार पहले दिन बदायूं होने की सूचना भी समी ने इन तक पहुंचाई थी। साथ ही यह भी बताया था कि पुलिस उनके पीछे पड़ी है, मोबाइल मत खोलना।

मुंबई भागना चाहते थे, आमिल को दिल्ली में मिलना था

तीनों नाबालिग और आमिल मुबंई भागना चाहते थे। मुंबई भागने के बाद ये वहीं शादी करना चाहते थे। आमिल ने तीनों से दिल्ली रेलवे स्टेशन में मिलने के लिए कहा था। मंगलवार की रात इन्होंने दिल्ली से मुबंई के लिए ट्रेन पकड़नी थी। आमिल ने तीनों को पहले ही रेलवे स्टेशन भेज दिया और इनसे कहा कि वह दिल्ली पहुंचे और स्टेशन से बाहर न निकलें। वह शाम की ट्रेन से दिल्ली आएगा। इसके बाद वह मुंबई जाएंगे। वहीं काम करेंगे। बालिग होने पर वह वापस अपने-अपने घर चले जाएंगे।

आमिल ने दो दिन अपने घर में छिपाकर रखा था

आमिल ने दो नाबालिग छात्राओं और लड़के को दो दिन अपने घर में शरण दी। भागने के लिए सहयोग भी किया। 2000 रुपये भी दिए। तीनों नाबालिग भागते हुए पहले बदायूं पहुंचे। पुलिस को जब पता चला कि ये बदायूं में हैं। इनकी लोेकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस बदायूं पहुंची। पुलिस के पहुंचने से 20 मिनट पहले निशा और उजैर ने उन्हें भगा दिया। इसके बाद ये ट्रेन से दिल्ली गए। दिल्ली से दोबारा मुजफ्फर नगर पहुंचे। यहां दो दिन किराएदार की लड़की के दोस्त आमिल के वहां रुके। वहां से मुंंबई भागने वाले थे।

पुलिस टीम पर इनाम की बौछार

खुलासे के बाद आलाधिकारियों ने टीम पर बौछार कर दी। डीजीपी ने टीम को 20,000, डीआईजी ने 5,000 और एसएसपी ने 2,500 रुपये इनाम की घोषणा की। टीम में बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी, एसओजी प्रभारी संजीत राठौर, भीमताल थानाध्यक्ष जगदीप नेगी, मंगलपड़ाव चौकी प्रभारी दिनेश जोशी, एसआई गौरव जोशी, एसआई फिरोज आलम, एसआई विरेंद्र चंद्र, एसआई अनिल कुमार, एसआई मनोज कुमार, हेड कांस्टेबल इशरार नवी, ललित श्रीवास्तव, कांस्टेबल राजेश बिष्ट, अरुण राठौर, नवीन राणा, संतोष बिष्ट, कारज सिंह, महबूब आलम, मुनेन्द्र, शिवम थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती