हल्द्वानी : 200 साल पुराना कालू सिद्ध मंदिर होगा शिफ्ट

Haldwani News | हल्द्वानी से बड़ी खबर सामने आ रही है, शहर के बीचों बीच कालाढूंगी चौराहे पर स्थित 200 वर्ष पुराना कालू सिद्ध बाबा…

हल्द्वानी से बड़ी खबर : 200 साल पुराना कालू सिद्ध मंदिर होगा शिफ्ट








Haldwani News | हल्द्वानी से बड़ी खबर सामने आ रही है, शहर के बीचों बीच कालाढूंगी चौराहे पर स्थित 200 वर्ष पुराना कालू सिद्ध बाबा का मंदिर दूसरी जगह शिफ्ट किया जायेगा। इसको लेकर आज शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई, एसडीएम परितोष वर्मा और तहसीलदार सचिन कुमार और मंदिर के महंत कालू गिरी महाराज के साथ हुई वार्ता के बाद आम सहमति बना ली गई है।

प्रशासन ने कहा है कि कालू सिद्ध मंदिर को बगल में ही शिफ्ट किया जाएगा और 12 मीटर सड़क चौड़ीकरण के साथ ही यहां पर एक फुटओवर ब्रिज भी बनाया जाना प्रस्तावित है। जल्द ही मंदिर शिफ्टिंग का कार्य शुरू होगा। इधर मंदिर के महंत कालू गिरी महाराज ने कहा कि, जनहित को ध्यान में रखते हुए मंदिर को शिफ्ट करने के लिए सहमति जताई है, मंदिर को बगल में ही अपना बाजार वाली जगह पर शिफ्ट किया जायेगा। गौरतलब है कि मंगल पड़ाव से रोडवेज स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण होना है। जिसके लिए प्रशासन लगातार अतिक्रमण हटाने और व्यवस्थाओं को बनाने में लगा हुआ है।

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हल्द्वानी शहर के रक्षक हैं कालू सिद्ध बाबा

गौरतलब हो कि कालू सिद्ध बाबा को हल्द्वानी शहर का रक्षक माना जाता है। हल्द्वानी का कालू सिद्ध मंदिर करीब 200 साल पुराना है। मंदिर के अंदर लगा पीपल का पेड़ भी लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां पर भगवान शनि की दशकों पुरानी मूर्ति भी है। हालांकि मंदिर में स्थित पेड़ को कहां शिफ्ट किया जाएगा, इस पर फैसला होना बाकी है।

गुड़ की भेली चढ़ाने की परंपरा

कालू सिद्ध बाबा के मंदिर में गुड़ की भेली चढ़ाने की परंपरा है। कहा जाता है कि जो सच्चे मन से और श्रद्धा के साथ कालू सिद्ध मंदिर में गुड चढ़ता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि दशकों पहले कालू सिद्ध बाबा हल्द्वानी पहुंचे थे। उन्होंने ही मंदिर परिसर में पीपल के पेड़ के नीचे भगवान शनि की उपस्थिति जानकर एक मठ की स्थापना की थी, जो आगे चलकर श्री कालू सिद्ध बाबा के मंदिर के रूप में परिवर्तित हो गया।

बताया जाता है कि उस समय यहां पर गुड़ और गन्ने का कारोबार खूब हुआ करता था, जो भी व्यापारी यहां से गुजरता था, वो बाबा को प्रसाद के लिए गुड़ देते थे। बाबा को गुड़ काफी पसंद था। जिसके बाद से कालू सिद्ध बाबा मंदिर में गुड़ चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई। आज भी यह परंपरा चली आ रही है। यही कारण है कि कालू सिद्ध के मंदिर में रोजाना श्रद्धालुओं का भीड़ लगी रहती है। खासकर मंगल और शनिवार के दिन बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं।

हल्द्वानी : 200 साल पुराना कालू सिद्ध मंदिर होगा शिफ्ट

कालू सिद्ध बाबा मंदिर में पूर्ण होती है मनोकामना

मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से गुड़ की भेली चढ़ता है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। लोगों को प्रसाद के रूप में गुड़ दिया जाता है। दरअसल पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीहरि बोले, “जो व्यक्ति मुझे प्रेमपूर्वक गुड़ एवं चने की दाल का भोग लगाएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।” तभी से सभी वैष्णव जन अपने आराध्य श्रीहरि विष्णु को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाकर उनकी कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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