आज द्वाराहाट में गुर्राए गुरिल्ले, आवाज उठाई

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः नौकरी, पेंशन एवं अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर निकल रही गुरिल्लों की जनजागरण रथयात्रा आज द्वाराहाट पहुंची। जहां मुख्य चौराहे पर सभा हुई। जिसे संबोधित करते हुए संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी ने कहा कि राष्ट्रवाद की चर्चा गुरिल्लों की चर्चा के बिना अधूरी है।
डालाकोटी ने कहा कि गुरिल्ले वो लोग हैं, जिन्हें खुद सरकार ने राष्ट्रवाद का प्रशिक्षण देकर सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रभक्ति की भावना जाग्रत करने के लिए तैयार किया था। राष्ट्रभक्ति की भावना से ओत-प्रोत गुरिल्लों ने पूर्वाेत्तर से अलगाववाद-उग्रवाद समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। सीमा सुरक्षा की इस अचूक सुरक्षा व्यवस्था के सन् 2000 में समाप्त होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में पुनः उग्रवादी घटनाएं होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए आज भी गुरिल्लों का उपयोग संभव है।
जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला ने कहा कि आंदोलन के चलते राज्य सरकार ने हमसे अनेक समझौते किये। जिनमें गुरिल्लों का होमगार्ड और पीआरडी के माध्यम से समायोजन भी एक है। अजीब बिडंबना है कि गुरिल्लों से कम प्रशिक्षित लोगों को इन सेवाओं में रखा जा रहा है, लेकिन फिर भी गुरिल्लों को मौका नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से अपनी घोषणाओं समझौतों को लागू करने की मांग की। सभा को चन्द्र प्रकाश उपाध्याय, कैलाश शाह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर भुवन चन्द्र चौधरी, गोविन्द बल्लभ हरबोला, देवी दत्त बुधानी, ध्यान सिंह, प्रकाश चन्द्र, मदन सिंह, रेखा भट्ट, भवानी देवी, आनंदी साह, पूनम गोस्वामी, गीता देवी, भागुली देवी सहित अनेक गुरिल्ले शामिल हुए।