👉 जिला व नगर प्रशासन की पहल पर बड़ा फैसला
👉 विस्थापन से पूर्व नागरिक करेंगे प्रस्तावित भूमि का दौरा
रानीखेत। यहां लंबे समय से भूस्खलन प्रभातिव क्षेत्र में निवासरत 42 परिवारों के लिए अच्छी ख़बर है। अब बरसात के दिनों में इन्हें संभावित आपदा के भय के बीच नहीं रहना पड़ेगा। जिला व नगर प्रशासन ने इन परिवारों को अन्यत्र स्थानान्तिरित करने का फैसला लिया है।
उल्लेखनीय है कि रानीखेत नगर में नई बस्ती का इलाका डेंजर जोन में हैं। यही कारण है कि यहां निवासरत 42 परिवारों के विस्थापन के लिए पहल हुई है। इस मसले को लेकर आज रविवार को नई बस्ती में एक बैठक हुई। जिसमें रानीखेत केंद्र नामित सदस्य मोहन नेगी, पूर्व सदस्य विनोद चंद्र व कानूनगो हनीफ बेग नायब प्रभारी व सदर पटवारी ख्यालीराम शामिल हुए। बैठक के दौरान स्थानीय नागरिकों के साथ बातचीत की गई।
उन्होंने कहा कि नई बस्ती के 42 परिवार land sliding क्षेद्ध में हैं। जिस कारण हर साल बारिश के दौरान जनहानि का खतरा बना रहता है। इस हेतु प्रशासन ने छावनी के बाहर की 22 नाली भूमि राज्य सरकार अंतर्गत चिन्हित की है। प्रभावित परिवारों को वहां विस्थापित किया जाना है। इस दौरान प्रभावितों ने कानूनगो अन्य लोगों बताया कि वह विगत लंबे समय से इंदिरा बस्ती में किसी प्रकार अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि यहां निवासरत सभी महिलाएं और पुरुष दैनिक मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। यह लोग कई बार जन प्रतिनिधियों व प्रशासन से कहीं दूसरी जगह भूमि उपलब्ध कराने की मांग कर चुके हैं। समस्या यह है कि रानीखेत छावनी क्षेत्र होने के कारण गरीब व कमजोर वर्गों के लिए आवास हेतु कोई योजना अब तक नहीं बन पाई थी। अब जिला प्रशासन व नगर प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन करने की योजना बन रही है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही नई बस्ती के लोग आपसी सहमति के बाद प्रशासन के साथ भूमि का मुआयना करेंगे। उसके उपरांत एक कमेटी बनाकर संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय सभागार में एक बैठक होगी। बैठक में सदर पटवारी हनीफ बेग, नामित सदस्य छावनी परिषद मोहन नेगी, पत्रकार नंदकिशोर गर्ग, पूर्व सदस्य विनोद चंद्र, सुनील कुमार, दयाल राम, गणेश राम, राजू, प्रकाश राम, महेश, रिंकू, हेमंत कुमार, माया देवी, लक्ष्मी देवी, उषा देवी सहित कई तमाम स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।