तूल पकड़ा स्वर्णकारों का तेजाब, कैमिकल भट्टियां हटाये जाने का मामला, एकजुट हुए स्वर्णकार, हंगामेदार बैठक, आखिरकार हुआ यह समझौता….

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा गत दिनों यहां रिहायशी इलाकों में कथित रूप से चल रही स्वर्णकारों की तेजाब व केमिकल की इस्तेमाल वाली भट्टियां हटाये जाने…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

गत दिनों यहां रिहायशी इलाकों में कथित रूप से चल रही स्वर्णकारों की तेजाब व केमिकल की इस्तेमाल वाली भट्टियां हटाये जाने के खिलाफ स्वर्णकारों का आक्रोश फूट पड़ा। स्वर्णकार संघ के बैनर तले यहां एक बैंकेट हॉल में हुई बैठक में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया गया। काफी देर की गहमागहमी के बाद शिकायतकर्ता को मौके पर बुलवाया गया और दोनों पक्षों में समझौता हो गया।

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा के एक रिहायशी इलाके में विगत पांच साल से चल रही स्वर्णकारों की तेजाब और केमिकल का इस्तेमाल करने वाली भट्ठियों को हटवाने में एक 85 साल की वृद्धा गंगा देवी ने पहल की थी। गंगा देवी के अनुसार इन भट्यिों से निकलने वाले धुएं से उन्हें और आसपास के करीब 300 लोगों को हर रोज घुटन का सामना करना पड़ता था और बीमारियां होने का डर सता रहा था। उन्होंने दो साल पहले इस मामले की शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की थी, लेकिन किसी ने भी इस बड़ी समस्या की ओर ध्यान में नहीं दिया। इस बार जब उनके साथ विवेक साह और जया साह ने जिलाधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड, नगर निगम और पुलिस को पत्र लिखकर चेताया तो स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और गत सोमवार को इन भट्ठियों को बंद करवा दिया।

इधर इस मामले को लेकर आज बृहस्पतिवार को स्वर्णकार संघ अल्मोड़ा ने सुनीता बैंकेट हॉल में बैठक का आयोजन किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि स्वर्णकारों के कारोबार को प्रभावित करने के लिए गलत फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में स्वर्णकारों का पुश्तैनी व ऐतिहासिक कारोबार है। स्वर्णकारों पर जो भी आरोप लगाये गये हैं वह पूरी तरह निराधार व औचित्यहीन हैं। यहां स्वर्ण आभूषणों का कारोबार सालों से चल रहा है। कभी किसी ने प्रदूषण की शिकायत नहीं की, लेकिन अचानक एक शिकायत पर गलत फैसले लिये गये और दैनिक समाचार पत्रों ने भी बिना स्वर्णकार संघ से बातचीत किए निराधार रिपोर्ट प्रकाशित कर समाज के बीच भ्रांति फैलाने का काम किया है।

स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष दीपक वर्मा ने कहा कि वर्तमान में गलत निर्णय लेकर स्वर्ण आभूषण कारोबारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। आभूषण कारोबारी यह काम सालों से करते आये हैं। विगत कुछ समय से एक महिला द्वारा शासन को गलत ढंग से रिपोर्ट पेश की गई। उन्होंने कहा कि न हमारे यहां तेजाबों की भट्टियां हैं, न वर्कशॉप और ना ही किसी किस्म के कारखाने हैं। सिर्फ एक कारीगर बहुत छोटे स्तर पर काम करता है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के अधिकांश स्वर्णकार गिट्टी के कोयले से ही सोना गलाते हैं। सोना गलाने में किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जांचकर्ताओं ने तो केवल नाक से सूंघकर यह कह दिया कि जौहरी बाजार में प्रदूषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में कारखाने, वर्कशॉप, भट्टियों का जिक्र कर दिया गया, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि शादी—ब्याह के सीजन में सुनार अपना काम छोड़कर बैठने को मजबूर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि जिसको शिकायत थी उनके वहां से काम बंद कर दिया गया, इसके बावजूद पूरे कारोबार पर डंडा किया जा रहा है। अगर यही हालात रहे तो सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जायेंगे।

इधर स्वर्णकार संघ की बैठक में काफी विचार—विमर्श के बाद विपक्षी जया साह को बुलाया गया। उन्होंने यहां अपना पक्ष रखा। जिसके बाद तय हुआ कि 15 दिसंबर तक शादी—ब्याह के सीजन तक उसके बाद भट्टियां हट जायेगी। कैमिकल का प्रयोग बंद कर दिया गया है। कुछ दूरी पर खोलेंगे। एनजीटी के नियम का पालन करेंगे। जैसे देश भर हैं। दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद मामले का पटाक्षेप हो गया। बैठक में हरेंद्र वर्मा, राज वर्मा, नवीन वर्मा, जगदीश वर्मा, गोविंद लाल वर्मा, अमित वर्मा, मनोज वर्मा, चिरंजी लाल वर्मा, कैलाश वर्मा, कमल वर्मा, रिक्कू वर्मा, किट्टू वर्मा, अनूप वर्मा आदि मौजूद रहे।

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