BREAKING NEWS: बागेश्वर जिले में चार आवासीय मकान पूरी तरह ध्वस्त, परिवारों ने ली अन्य जगह शरण, 22 सड़कें पूरी तरह बंद, ग्रामीण क्षेत्रों का जिला व तहसील मुख्यालयों से सड़क संपर्क कटा, बिजली के पोल ढहे, तमाम गांवों की बत्ती गुल

दीपक पाठक, बागेश्वर जनपद में लगातार भारी बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए और इन…

दीपक पाठक, बागेश्वर

बारिश से टूटा मकान और मुख्य विद्युत लाइन का गिरा पोल।

जनपद में लगातार भारी बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए और इन परिवारों को अन्यत्र शरण लेनी पड़ी है। इतना ही नहीं कहीं गौशाला, कहीं शौचालय बारिश की भेंट चढ़ गए, तो कई मकानों के आंगन साफ हो गए, जिससे मकानों को खतरा पैदा हो गया है। कहीं विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। भूस्खलन के बाद मलबे से लदने व बोल्डर गिरने से ​जनपद में एक राज्य मार्ग और 21 ग्रामीण मोटरमार्ग बंद हो गए हैं। एक प्रकार से अधिकांश गांवों का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क कट गया है।
बागेश्वर जिले में वाहनों के आवागमन के लिए 22 सड़कें पूरी तरह बंद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों का तहसील व जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क कटा हुआ है, हालांकि संबंधित विभाग सड़कों को खोलने में जुटा है। मकान ढहने के साथ ही व्यापक टूटफूट ने लोगों को भारी क्षति पहुंचाई है। सौभाग्य से जनहानि की खबर नहीं है। इसके अतिरिक्त डोबा-धारी-गिरिछीना क्षेत्र की 11000 वोल्ट की मुख्य विद्युत लाइन पर पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे क्षेत्र के डोबा, धारी, चौहना, सिमी, नरगोली, गिरीछीना, बिजोरी इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। उधर भूस्खलन से बोहाला तथा करासीबूंगा (काफलीगैर) व कौसानी में बिजली के पोल ढहे हैं। महकमा लाइन ठीक करने के प्रयास में जुटा है। कुछ क्षेत्रों में देर रात तक बिजली व्यवस्था बहाल होने की संभावना बताई जा रही है। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि क्षेत्रीय पटवारी नुकसान का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन प्रभावितों को हरसंभव मदद कर रहा है।
इनके मकान हुए ध्वस्त
जिले के ढूंगापाटली गांव में कुशाल सिंह पुत्र जैंत सिंह, फल्टनियां गांव में देवकी पत्नी हीरा सिंह, दौलीगाड़ निवासी शंकर दत्त पुत्र गंगा दत्त तथा ग्राम लेटी में गंगा देवी पत्नी रतन सिंह के आवासीय मकान ध्वस्त होकर बारिश की भेंट चढ़ गए। मकान टूटने और मकान को खतरा पैदा होने से चार परिवारों ने पड़ोसियों के यहां शरण ली है।
इन परिवारों को पहुंची क्षति
लेटी गांव में कुंती देवी पत्नी उम्मेद सिंह का आंगन, खुनौली गांव में जनार्दन कांडपाल पुत्र नारायण दत्त कांडपाल की गौशाला, पगना गांव में गोपाल दत्त भट्ट पुत्र हरीश भट्ट का शौचालय, विशन लाल पुत्र नारायण राम के आंगन की दीवार, आशा देवी पत्नी बहादुर राम के आंगन की दीवार, चामी में हेम चंद्र पांडे पुत्र भुवन चंद्र पांडे के मकान का आंगन ध्वस्त हो गया है। इन मकानों को खतरा बना हुआ है।
मलबे से लदी ये सड़कें बंद
बागेश्वर-दफौट, कपकोट-पिंडारी ग्लेशियर, कपकोट-शामा-तेजम, भयूं-गुलेर, सिरलोनी-लोहागढ़ी, कंधार-रौल्याना, जैंसर-रियूनीलखमार, खातीगांव-कपूरी, खातीगांव-देवतोली, कंधार-मजकोट, डंगोली-सलानी, बैजनाथ-तिलसारी, बालीघाट-धरमघर, काफलीगैर-खौलसीर, दुदिला-अमोली, अमसरकोट-सातरवे, कमेड़ीदेवी-भैसूड़ी, कपकोट-तोली-बघर, कपकोट-कर्मी, तोली, धरमघर-माजखेत, खड़लेख-भनार आदि समेत 22 सड़कें।

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