सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
खड़िया खनन के बाद गड्ढों खुला छोड़ देना जिले में आम हो गया है। चार दिन पहले कांडा तहसील के ढपटी गांव में यह शिकायत मिली थी, अब बागेश्वर तहसील के पपों गांव में मामला सामने आया है। पट्टाधारकों को ग्रामीणों के जान की कतई चिंता नहीं है। वरना जुलाई प्रथम सप्ताह में भरे जाने वाले गड्ढे अभी तक नहीं भर पाए हैं।
बरसात के मौसम में जिले की कई खड़िया खाने लबालब पानी से भरे हुए हैं और गंभीर दुर्घटना को दावत दे रहें हैं.दूसरी ओर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से खड़िया खनन में लापरवाही करने वालों के हौसले बुलंद हैं। बागेश्वर के पपों गांव में स्थित खड़िया खदान स्वामी ने खड़िया खोदने के बाद गड्ढे खुले छोड़ दिए हैं। जिस पर अनुसूचित जाति के गरीब ग्रामीणों के घर भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। ग्रामीणों ने डीएम दरबार में कई बार मामला उठाया है, लेकिन मामला जस का तस ही है। ग्रामीणों का कहना है कि खनन के बाद बने गडढों को खान मालिक ने भरा नहीं है जिससे गड्ढों में तालाब बन गए हैं। घर आंगनों में दरार आ रही है। गड्ढों में पानी भरने से जमीन दरक रही है जिस पर पूरे गांव में भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। भूस्खलन के खतरे को देखते हुए गांव के लोग व्यथित हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार द्वारा उन्हें गांव में खड़िया से हुए नुकसान की भरपाई और टूटे हुए रस्तों व घरों की मरम्मत का आश्वासन दिया था जो कि वो भी पूरा नहीं किया गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द गड्ढों को भरवाने और ग्रामीणों की क्षतिग्रस्त संपति का मुआवजा दिलाने की मांग की है। पूर्व ग्राम प्रधान पुनीता टम्टा ने कहा कि प्रशासन द्वारा खान मालिकों के कार्यों की जांच नहीं की जा रही है, जिससे उनके हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने प्रशासन पपों गांव में हो रहे अवैध खनन रोकने व मानकों का पालन कराने की मांग की है।