अल्मोड़ा न्यूज: गौ सदन ज्योली में यज्ञ कर समझाई गाय की महत्ता, गौ सेवा ट्रस्ट गुरुकुल अल्मोड़ा के गौ रक्षा प्रयास तेज
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
हिंदू धर्म में पूज्यनीय एवं उपयोगिता से परिपूर्ण गौ माता की सुरक्षा के लिए गौ सेवा ट्रस्ट गुरुकुल अल्मोड़ा के प्रयास लगातार जारी हैं। इन्हीं प्रयासों के चलते शारदीय नवरात्रों में इन प्रयासों को तेज करने की मुहिम चली है। लोग प्रेरित होकर गौ सदन ज्योली में गौ सेवा के लिए पहुंच रहे हैं। जो प्रयासों की सफलता की ओर बढ़ने का संकेत है। इसी क्रम में शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य में गौ सदन ज्योली अल्मोड़ा में ट्रस्ट द्वारा विशेष यज्ञ कर गौ पूजन किया गया और गोष्ठी कर गाय की उपयोगिता समझाई।
जीवन में गाय की उपयोगिता पर प्रकाश डालने व गौवंश के पोषण की तरफ लोगों को प्रेरित करने के लिये गौ सेवा ट्रस्ट गुरुकुल अल्मोड़ा की ओर से गौ सदन ज्योली में विशेष यज्ञ किया गया। इसमें गौ पूजन हुआ और यज्ञ के बाद लोगों ने गौशाला में मौजूद गायों को गौग्रास खिलाया। यज्ञ गौशाला के सचिव व आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तराखण्ड के महामन्त्री दयाकृष्ण काण्डपाल द्वारा सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम का संयोजन पूर्व कर्मचारी नेता चन्द्रमणि भट्ट ने किया। कार्यक्रम मे कोविड—19 को देखते हुए सीमित संख्या में लोगों की भागीदारी कराई गई।
इस मौके पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि डा. जेसी दुर्गापाल ने कहा कि आज जब तक गायें दूध देती हैं, तब तक उन्हें पालते हैं और उनकी देखभाल करते हैं, लेकिन इसके बाद छोड़ देते हैं, जो बेहद गलत कार्य है। गौ शालायें भी अधिसंख्य ऐसी गायों का प्रबन्धन करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि गौशालाएं भी तभी सक्षम हो सकती हैं, जब लोग उनके प्रबंधन के लिए अपनी ओर से अंशदान दें। उन्होंने खुद भी अंशदान देने की घोषणा की। सभी श्रेष्ठ कर्म यज्ञ कहलाते हैं। इसलिए गौ रक्षा का कर्म भी एक यज्ञ स्वरूप ही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रही कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिये बेवजह भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचना चाहिये। गौ शाला के वरिष्ट कार्यकर्ता पूरन चन्द्र तिवारी ने गौशाला में आ रही दिक्कतों पर प्रकाश डाला। एडवोकेट जगत रौतेला ने गौ सदन की व्यवस्थाओं पर सन्तोष व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बद्री विशाल अग्रवाल ने की। सभा में कपिलेश्वर गिरि महाराज ने धार्मिक प्रवचन दिये। इस मौके पर यशवन्त परिहार ने कहा कि गौशाला में बागवानी को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया। एमसी काण्डपाल ने कहा कि गौशाला के बेहतर काम पर संतोष जताया।
गौशाला के सचिव दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि जब तक गाय कृषि अर्थव्यवस्था से जुड़ी रही, तब तक गौवंश पर कोई खतरा नहीं था। आज लोग सिर्फ दूध के लिये गाय पाल रहे हैं और इसके बाद उन्हें छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गाय की महत्ता गहनता से समझने की जरूरत है। कार्यक्रम में जमन सिंह, राम सिंह, मनोज लोहनी, भुवन राम, नीमा मेहरा आदि लोग उपस्थित थे।