सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा के तत्वाधान में आज एक ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई। इसका लक्ष्य नयी शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में सामाजिक विज्ञान विषय की राज्य स्तरीय पाठ्यचर्या के निर्माण के लिए विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त करना था।
मालूम हो कि वर्तमान में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या का कार्य गतिमान है और इसके लिए विभिन्न विषयों की कोर कमेटी गठित की गई है। ताकि हर विषय की पाठ्यचर्चा तैयार की जा सके। इसी क्रम में आज सामाजिक विज्ञान विषय की पाठ्यचर्या के लिए चर्चा हुई। विषय में स्थानीय तत्वों को शामिल करने के तरीकों पर विशेषज्ञों से विचार—विमर्श कर सुझाव प्राप्त किए गए। ऑनलाइन कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए डाइट के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि सामाजिक विज्ञान विषय में स्थानीय तत्व का समावेश करके विषय को अधिक व्यवहारिक व उपयोगी बनाया जा सकता है।
समन्वयक डॉ. दीपा जलाल ने वर्तमान शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में कार्यशाला का उद्देश्य समझाया और सुझाव आमंत्रित किए। विशेषज्ञों में क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई के प्रभारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान ने स्थानीय इतिहास को भी पाठ्यचर्या में शामिल करने का सुझाव दिया। डाइट प्रवक्ता गोपाल सिंह गैड़ा ने नई शिक्षा नीति 2020 का संदर्भ रखते हुए यह समझाने का प्रयास किया कि किस तरह पाठ्यचर्या में इसके सिद्धांतों को समावेशित किया जाना है।
जिला स्तरीय कोर टीम में शामिल विषय विशेषज्ञ ने विचार रखे और स्थानीय विषयों को पाठ्यचर्या में शामिल करने के तरीके समझाए। डॉ. विजय पंत, डॉ. प्रेरणा, डॉ. महेंद्र मिराल, डॉ. रमेश रावत, जीवन नेगी, हेमलता वर्मा, पूरन जोशी, संदीप मावडी, गरिमा पाण्डेय आदि ने अपने सुझाव दिए। कार्यक्रम की समन्वयक डा. दीपा जलाल ने बताया कि इन सुझावों को समन्वित रूप में एससीईआरटी को प्रेषित किया जायेगा।