सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
खराब मौसम व पर्वतीय जनपदों में बर्फवारी के बावजूद प्रदेश में 14 फरवरी को होने जा रहे चुनाव के कार्यक्रम में बदलाव की कोई उम्मीद नहीं है। मतदान के रोज यदि मौसम बहुत खराब भी हुआ, तो भी इसके लिए मास्टर प्लॉन तैयार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों उत्तराखंड प्रदेश में चल रही चुनावी सरगर्मियों के बीच मौसम कहर ढा रहा है। पहाड़ों में गत दिवस हुई बर्फवारी के बाद अब भी मौसम नहीं खुला है। इस दौरान पोलिंग पार्टियों को भी जगह—जगह रोड जाम होने के कारण फंसना पड़ा। अभी भी कई प्रमुख संपर्क मार्गों में बर्फ जमी है और राष्ट्रीय राजमार्गों में भू—स्खलन के हालात बन रहे हैं। चिंता यह है कि यदि मौसम का मिजाज बदला और मतदान के रोज भारी बारिश व बर्फवारी हुई, तब क्या होगा ?

इस चुनौती से कैसे निपटा जायेगा, इस पर उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने प्रकाश डाला है। मीडिया से एक मुलाकात में उन्होंने बताया कि बर्फबारी के बीच मतदान को संपन्न कराने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार है। उन्होंने कहा कि जो बूथ तय किए जा चुके हैं, वहीं मतदान होगा। इस दौरान यदि बर्फबारी होती भी है तो इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जहां मौसम अत्यंत प्रतिकूल हो जाये तो वहां पोलिंग पार्टियों को जरूरत पड़ने पर air ambulance से भेजा जाएगा। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला भी लिया है। पहले पोलिंग पार्टियां, मतदान से 24 घंटे पहले रवाना की जाती थीं, लेकिन उन्होंने चुनाव आयोग से 72 घंटे पहले पोलिंग बूथों तक पहुंचाने की अनुमति ली है। जिसका अर्थ यह है कि 03 दिन पहले बर्फबारी वाले पोलिंग बूथों तक polling parties रवाना कर दी जाएंगी। सौजन्या ने बताया कि जहां बहुत ज्यादा बर्फवारी होगी, वहां पोलिंग पार्टियों को सुगमता से पहुंचाने के लिए JCB, Cutter, PWD team, SDRF team तैनात रहेगी। मार्गों के बर्फवारी से बंद होने पर उसे खोलने के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।