⏩ अपर सचिव ने उत्तराखंड के समस्त सीईओ को जारी किया आदेश
⏩ जनपदों द्वारा प्रधानाचार्यों को प्रशासनिक संवर्ग का अतिरिक्त प्रभार अवैधानिक
सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
उत्तराखंड शिक्षा विभाग में विभिन्न जनपदों में कई प्रधानाचार्यों द्वारा शैक्षणिक के अलावा प्रशासनिक संवर्ग का अतिरिक्त पदभार ग्रहण किये जाने को शासन ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। जांच में यह पाया गया है कि ऐसे प्रधानाचार्य न तो अपने शैक्षणिक दायित्वों का सही निर्वहन कर पा रहे हैं और ना ही प्रशासनिक संवर्ग के कार्यों में दक्षता स्थापित कर पा रहे हैं। अतएव अपर सचिव ने उत्तराखंड के समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर आज ही से ऐसे प्रधानाचार्यों के अतिरिक्त प्रभार निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
अपर सचिव दीप्ति सिंह ने समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी, उत्तराखण्ड को शैक्षणिक संवर्ग के अधिकारियों को प्रशासनिक संवर्ग के अतिरिक्त पदभार से कार्यमुक्त जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि विभिन्न जनपदों में शैक्षणिक संवर्ग के प्रधानाचार्यों को उनके पदभार के साथ प्रशासनिक संवर्ग से संबंधित पदों का भी अतिरिक्त प्रभार बिना शासन की अनुमति के सौंपे जा रहे हैं, जो कि पूर्णतः अविधिक है। जबकि वर्ष 2011 में शैक्षणिक संवर्ग व प्रशासनिक संवर्ग को पूर्ण रूप से पृथक-पृथक किया जा चुका है, परन्तु उसके उपरान्त भी जनपदों द्वारा प्रधानाचार्यों को प्रशासनिक संवर्ग का अतिरिक्त प्रभार दिया जा रहा है, जिस कारण प्रधानाचार्यों द्वारा न तो अपने शैक्षणिक दायित्वों का सम्यक निर्वहन सही ढंग से किया जा रहा है और न ही प्रशासनिक संवर्ग के कार्यों में सम्यक दक्षता ही स्थापित हो पा रही है।
अतः इस सम्बन्ध में उन्हें यह कहने का निर्देश हुआ है कि अपने-अपने जनपदों में जिन-जिन शैक्षणिक संवर्ग के अधिकारियों को प्रशासनिक संवर्ग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है को तत्काल प्रभाव से आज ही निरस्त करते हुए निम्नलिखित प्रारूप पर अपने अपने जनपदों से सम्बन्धित सूचना तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
अपर सचिव द्वारा आदेश पत्र की प्रतिलिपि महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है।
यहां देखिये आदेश –