संजीवनी हॉस्पिटल हल्द्वानी के संचालक डा. महेश कुमार कश्मीर की तारसर झील में डूबे

कश्मीर की तारसर झील में डूबे संजीवनी अस्पताल हल्द्वानी के संचालक डा. महेश कुमार हल्द्वानी अपडेट। संजीवनी हॉस्पिटल हल्द्वानी (Sanjeevani Hospital Haldwani) के संचालक डा.…

संजीवनी हॉस्पिटल हल्द्वानी के संचालक डा. महेश कुमार कश्मीर की तारसर झील में डूबे

कश्मीर की तारसर झील में डूबे संजीवनी अस्पताल हल्द्वानी के संचालक डा. महेश कुमार

हल्द्वानी अपडेट। संजीवनी हॉस्पिटल हल्द्वानी (Sanjeevani Hospital Haldwani) के संचालक डा. महेश कुमार (Dr. Mahesh Kumar) कश्मीर की तारसर झील में डूब गए। वह जम्मू-कश्मीर में ट्रैक पर गए थे। यहां कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में तारसर झील पर पैदल चलने के लिए लकड़ी का पुल बना है। तेज बारिश में पुल टूटने के कारण संजीवनी अस्पताल हल्द्वानी के संचालक डा. महेश कुमार व उनके स्थानीय गाइड डा. शकील अहमद झील की तेज धारा में बह गए।

बीते देर शाम तक चले सर्च आपरेशन में दोनों का कुछ पता नहीं चल सका है। ऐसे में अनहोनी की आशंका में स्वजन सहमे हुए हैं। वहीं, घटनास्थल पर मौजूद 12 अन्य लोगों को बचाव दल ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।

डा. महेश अपने साथियों के साथ गए थे कश्मीर

हल्द्वानी से 18 जून को संजीवनी हॉस्पिटल के संचालक डा. महेश कुमार अपने साथियों के साथ कश्मीर के तारसर झील क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए पहुंचे थे। उनके साथ तीन टूरिस्ट गाइड व 14 अन्य लोग भी थे। वहां तीन दिन से लगातार भारी बारिश के कारण दल ऊपर फंस गया।

पुल का हिस्सा ढहने से डॉ. महेश और उनका गाइड झील में डूब गए

झील का जलस्तर बढ़ने से बुधवार की सुबह तारसर झील पर बने पैदल पुल का हिस्सा ढह गया। इससे डा. महेश और उनके साथ रहे गांदरबल के डा. शकील अहमद झील में डूब गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने दल के 12 सदस्यों को वहां से निकाल आरू बेस कैंप तक पहुंचा दिया।

मामले में पहलगाम के तहसीलदार मोहम्मद हुसैन ने बताया कि डा. महेश व डा. शकील झील में डूब गए हैं। वहीं, डा. महेश के साथ गए हल्द्वानी के ही डा. रोशन ने बताया कि वह डूब गए हैं। अभी उनका कुछ पता नहीं चल सका है। गुरुवार सुबह बचाव दल ने फिर उनकी तलाश शुरू कर दी है। अभी हम सभी उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं।

संजीवनी हॉस्पिटल के संचालक डा. महेश कुमार ट्रैकिंग के शौकीन हैं

हल्द्वानी शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक महेश कुमार ट्रैकिंग के शौकीन भी हैं। वह समय-समय पर ट्रैकिंग के लिए दूरस्थ इलाकों में जाते रहे हैं। हाल ही में गढ़वाल भी ट्रैकिंग के लिए गए थे। मौजूदा समय में डा. महेश अपनी बेटी के साथ अस्पताल का संचालन करते हैं। उनकी पूरे मंडल में अपनी खास पहचान है।

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