अल्मोड़ा : डा. ललित जलाल छठे वार्षिक शोध पुरस्कार से सम्मानित, गांधी दर्शन पर वेस्ट शोध पर मिली उपलब्धि

अल्मोड़ा। यहां राजकीय इंटर कालेज अल्मोड़ा के विज्ञान शिक्षक डा. ललित जलाल को रिसर्च गेटवे एवं श्री परमहंस एजूकेशनल एंड रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट नई दिल्ली…

अल्मोड़ा। यहां राजकीय इंटर कालेज अल्मोड़ा के विज्ञान शिक्षक डा. ललित जलाल को रिसर्च गेटवे एवं श्री परमहंस एजूकेशनल एंड रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट नई दिल्ली ने छठे वार्षिक शोध पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया है। उन्हें यह सम्मान गांधी के नैतिक दर्शन की शिक्षा प्रणाली में समसामयिक प्रासंगिकता विषय पर वेस्ट रिसर्च के लिए दिया गया है।
डा. जलाल को यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मिलना था, मगर कोविड—19 के चलते वह वहां नहीं जा सके और ट्रस्ट ने उनका सम्मान अल्मोड़ा भेज दिया, जो उन्हें प्राप्त हो चुका है। इस सम्मान में उन्हें प्रमाण पत्र समेत प्रशस्ति पत्र व शील्ड प्राप्त हुई है। उनका शोध पत्र इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल्स आफ मैनेजमेंट सोशियोलॉजी एंड ह्यूमैनेटीज में भी प्रकाशित हो चुका है। उनका उक्त विषय शोध गांधी जयंती के 150 वर्ष पर आधारित है। उन्होंने शोध पत्र में गांधी दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा है कि गांधी जी का मानना है कि सत्य ही मेरे लिए सर्वोच्च सिद्धांत है। जिसमें अन्य अनेक सिद्धांत समाविष्ट हैं। सत्य केवल वाणी का सत्य ही सत्य नहीं है अपितु निरपेक्ष सत्य, सनातन सिद्धांत अर्थात ईश्वर है। शोध पत्र में गांधी दर्शन का यह उल्लेख भी है कि सत्य एक विशाल वृक्ष की तरह है। सत्य की खोज में साधन जितने कठिन हैं, उतने ही आसान भी हैं। भले अहंकारी व्यक्ति को ये साधन काफी कठिन लग सकते हैं। विषय पर डा. जलाल ने विस्तृत सार​गर्भित उल्लेख किया है। डा. जलाल को यह सम्मान मिलने पर प्रो. एन.एस.भंडारी, प्रो.पी.डी.जुयाल, प्रो. डीएस पोखरिया, प्रो. एसएस पथनी, राम ​चंद्र सिंह रौतेला, मदन भंडारी, जगदीश पांडे, प्रधानाचार्य सुरेश पाठक समेत कई लोगों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

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