युवक की नाक से डॉक्टरों ने जिंदा जोंक निकाला, नैनीताल के वाटरफॉल में कई घंटों नहाया

उत्तराखंड घूमने आए एक 19 साल के युवक की नाक से डॉक्टरों ने जिंदा जोंक निकाला है। युवक अपने दोस्तों के साथ नैनीताल जिले के…

युवक की नाक से डॉक्टरों ने जिंदा जोंक निकाला, नैनीताल के वाटरफॉल में कई घंटों नहाया

उत्तराखंड घूमने आए एक 19 साल के युवक की नाक से डॉक्टरों ने जिंदा जोंक निकाला है। युवक अपने दोस्तों के साथ नैनीताल जिले के भालूगाड़ वाटरफॉल में कई घंटों नहाया और जमकर मस्ती की। शायद यहीं से उसकी नाक में जोंक चला गया। जोंक युवक की नाक में 19 दिन तक रहा और खून चूसता रहा। शुरुआत में दर्द हुआ और ब्लीडिंग शुरू हुई तो इसे सामान्य समझा। लेकिन समस्या बढ़ने पर वह डर गया। तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचा। जोंक निकालने वाले ENT सर्जन डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा ने कहा- ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर है। शायद ही इस तरह का केस भारत में हुआ हो। ऐसे में अगर आप भी वाटरफॉल में नहाते हैं तो आपको सतर्क रहने की आवश्यकता हैं।

दरअसल, प्रयागराज के डॉ. काटजू रोड के रहने वाले सेसिल एंड्रू गोम्स एक टेलीकॉम कंपनी में काम करते हैं। वह 4 जून को उत्तराखंड घूमने गए थे। नैनीताल जिले के भालूगाड़ वाटरफॉल में कई घंटे नहाया और दोस्तों के साथ जमकर मस्ती की। वापस घर लौटकर आए तो 8 जून को उनके नाक से हल्की ब्लीडिंग हुई। उन्होंने इसे सामान्य समझा। फिर धीरे-धीरे छींके आने लगी। बीच-बीच में सिर में दर्द भी होने लगा। बेचैनी बढ़ने लगी। डॉक्टर को दिखाया, लक्षण बताए। डॉक्टर ने कुछ दवाइयां लिखी। जिसे लेकर खा ली, लेकिन उससे कोई आराम नहीं हुआ।

सेसिल ने शहर के नाजरेथ हॉस्पिटल में ENT (नाक, कान-गला) सर्जन डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा को दिखाया। डॉक्टर को पूरी बात बताई। डॉक्टर ने नाक में डालने के लिए कुछ ड्रॉप्स दिए। वह लेकर सेसिल घर आ गए। घर पर उन्होंने ड्रॉप्स नाक में डाली तो अंदर खुजली बढ़ गई। शीशे में देखा तो नाक के अंदर से कुछ कीड़े की तरह दिखा। उसने इसका वीडियो भी बना लिया। सेसिल 24 जून को फिर डॉक्टर के पास पहुंचे और वीडियो दिखाया। डॉक्टर ने दूरबीन डालकर देखा तो वह भी चौंक गए।

डॉक्टर को दिखा कि अंदर तो जोंक है। वह भी जिंदा और खून चूस रहा है। बिना किसी देरी किए डॉक्टर सेसिल को ऑपरेशन थियेटर में ले गए और एंडोस्कोपी के जरिए जोंक बाहर निकालने में सफल हुए। मात्र 10 मिनट की सर्जरी के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।

सांस या खाने की नली में जाने से जा सकती थी जान

डॉ. सुभाष ने बताया, जोंक अपने वजन से 8-9 गुना ज्यादा खून पी सकता है। अच्छी बात यह थी कि वह जोंक नाक में था। अगर सांस की नली या खाने की नली में जाकर फंस जाता तो युवक की जान भी खतरे में पड़ सकती थी।

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