—दूर—दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं ग्रामीण, जल संस्थान बेसुध
—गुस्साई फल्दाकोट शेर विकास संघर्ष समिति का उपवास का ऐलान
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है और ऐन वक्त पर जल संस्थान की शेर विद्यापीठ पंपिंग पेयजल योजना दगा दे गई है। इससे करीब 33 गांवों में पानी के लिए हाहाकार मच गया है, लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि जल संस्थान ने योजना के रखरखाव के लिए धन का अभाव बताकर आंखें मूद ली हैं। ग्रामीण कई किमी दूर से पानी ढो रहे हैं और उनमें जबर्दस्त आंक्रोश पनप रहा है। अब फल्दाकोट शेर विकास संघर्ष समिति ने 15 अप्रैल से रानीखेत में उपवास का ऐलान कर दिया है।
शेर विद्यापीठ पंपिंग पेयजल योजना चार दिनों से बन्द चल रही है। इस कारण कन्डारखुवा व चौगांव पट्टी के करीब 33 गांवों में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। हालत ये है कि जनता 3—4 किमी दूर से पानी ढोने को मजबूर है। ऐन गर्मी में यह योजना बार—बार दगा दे रही है। एक सप्ताह पहले भी 5 दिनों तक इस योजना से पेयजलापूर्ति ठप रही। क्षेत्र के लोग जल संस्थान के अधिकारियों से बार—बार अनुरोध कर चुके हैं, किंतु योजना में सुधार कर पेयजलापूर्ति करने की सुध कई दिनों तक नहीं ली जा रही है। ग्रामीण बताते हैं कि विभागीय अधिकारी योजना को दुरुस्त करने के लिए बजट का अभाव बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। ठेकेदार को पिछला भुगतान भी नहीं हो पाया है।
अब विभाग की इस हीलाहवाली का दंश दर्जनों गांवों के लोग गंभीर पेयजल के रूप में भुगत रहे हैं। ग्रामीणों में जल संस्थान के प्रति गहरा आक्रोश पनप रहा है। उनका कहना है कि कनार, खुडोली, मंगडोली आदि गांवों इसी योजना से पानी की आपूर्ति हो रही है, मगर आगे के गांव प्रभावित हैं। ग्रामीण बताते हैं कि जल संस्थान की बेरुखी ये है कि टैंकर से पानी पिलाने का अनुरोध किया गया, तो अनसुनी कर दी। क्षेत्रवासियों ने से सरासर अन्याय व अनदेखी करार दिया है और कहा है कि एक ओर सरकार हर घर नल—हर घर जल का संदेश दे रही है, दूसरी ओर जनता पानी को तरस रही है। अब फल्दाकोट शेर विकास संघर्ष समिति के संयोजक देवेंद्र सिंह फर्तयाल ने दो टूक चेतावनी दी है कि यदि शेर विद्यापीठ पंम्पिंग पेयजल योजना को अविलंब ठीक कर पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं की गई, तो 15 अप्रैल 2022 से समिति संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत के कार्यालय प्रांगण में उपवास शुरू कर देगी। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जल संस्थान व शासन प्रशासन की होगी।