उपलब्धि: थाईलैंड इंस्टीट्यूट के सहयोग से होगा आपदा प्रबंधन तकनीक का आधुनिकीकरण, एसएसजे विवि अल्मोड़ा के साथ महत्वपूर्ण करार

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाएशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी थाईलैंड तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर एनआरडीएमएस उत्तराखंड तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के बीच एक महत्वपूर्ण करार…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी थाईलैंड तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर एनआरडीएमएस उत्तराखंड तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के बीच एक महत्वपूर्ण करार हुआ है। जिसके तहत जीआईएस एवं रिमोट सेंसिंग की अत्याधुनिक तकनीक के अनुप्रयोगों से सुसज्जित आपदा प्रबंधन तकनीक का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
इसका लक्ष्य आपदा प्रबंधन की अत्यधिक आवश्यकता वाले हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड में रियल टाइम डेटा मैनेजमेंट तकनीक के माध्यम से आपदा में ऑनलाइन सहायता और आपदा के बाद की स्थितियों को रिकॉर्ड करने तथा उनके प्रबंधन को सुचारू रूप से संचालित करना है। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्व बैंक से वित्त पोषित किये गए हैं। तकनीकी को विकसित करने का कार्य एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी थाईलैंड ने किया है और प्रदेश में इसके क्रियान्वयन का कार्य एनआरडीएमएस सेंटर द्वारा किया जाएगा।

उक्त जानकारी एनआरडीएमएस सेंटर के निदेशक डॉ. नंदन सिंह बिष्ट ने दी है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और विभिन्न जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तकनीकी रूप से सुदृढ़ होंगे। इसके सभी कार्यक्रमों की एसएसजे विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में स्थापित एनआरडीएमएस सेंटर निगरानी करेगा। जिसके मुख्य पर्यवेक्षक के रूप में सेंटर के निदेशक डॉ. बिष्ट होंगे। परियोजना के तकनीकी सलाहकार के रूप में प्रो. जीवन सिंह रावत और प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक एआईटी थाईलैंड के निदेशक डॉ. मंजुल कुमार हजारिका होंगे।

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