नियंत्रित नहीं किया जा सकता पलायन, जरूत बेहतर प्रबंधन की : इंदु कुमार पाण्डे

✒️ स्व. बीडी पाण्डे की स्मृति में संवाद विमर्शशाला ✒️ “पलायन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था’ विषय पर गंभीर चिंतन अल्मोड़ा। भारत के कैबिनेट सचिव तथा पश्चिम…

स्व. बीडी पाण्डे की स्मृति में संवाद विमर्शशाला

✒️ स्व. बीडी पाण्डे की स्मृति में संवाद विमर्शशाला

✒️ “पलायन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था’ विषय पर गंभीर चिंतन

अल्मोड़ा। भारत के कैबिनेट सचिव तथा पश्चिम बंगाल और पंजाब के राज्यपाल रहे पद्मविभूषण स्व. बीडी पाण्डे की स्मृति में उत्तराखण्ड सेवा निधि पर्यावरण शिक्षा संस्थान अल्मोड़ा में राज्यस्तर पर सम्पन्न हुए 11 वे संवाद विमर्शशाला कार्यक्रम में “पलायन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था’ विषय पर गंभीर मनन, चिंतन किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सांसद अजय टम्टा ने गांवों में खेती की ज़मीन बंजर होने, जंगलों में आग लगने से भारी प्राकृतिक क्षति होने और निरंतर पलायन पर चिंता जतायी। संवाद में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एवं पांचवें वित्त आयोग के अध्यक्ष इन्दु कुमार पाण्डे ने कहा कि पलायन को नियंत्रित नहीं किया जा सकता, बल्कि पलायन के बेहतर प्रबंधन की जरूरत है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ कर शहरों को भी व्यवस्थित और सही तरीके से विकसित करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि पहाड़ से पलायन तीव्र गति से हो रहा है। यह चिंता की बात है लेकिन पलायन को रोका भी नहीं जा सकता, क्योंकि लोग अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा के लिये बाहर जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों व सुअरों के आतंक से लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था चरमराई है।

कार्यक्रम के संयोजक नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने दीप प्रज्ज्वलन के बाद सभी वक्ताओं, अतिथियों का स्वागत किया और संवाद के विषय पर व्यापक प्रकाश डाला। उत्तराखण्ड सेवा निधि के निदेशक पद्मश्री डॉ. ललित पाण्डे ने ग्रामीण विकास की योजनाओं, ग्रामीण महिलाओं, काश्तकारों के सन्दर्भ में पलायन पर विस्तार से अपनी बात रखी।

संवाद में जीबी पंत पर्यावरण एवं विकास संस्थान के निदेशक डा. सुनील नौटियाल, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मीकांत, पलायन निवारण आयोग के सदस्य सुरेश सुयाल एवं अनिल शाही, पूर्व महालेखा परीक्षक निरंजन पंत, पूर्व प्रोफेसर डा. जे. एस. रावत, उपपा के केन्द्रीय अध्यक्ष एडवोकेट पी सी तिवारी, डा. रमेश चन्द्र पाण्डेय राजन, डा. बीडीएस नेगी, दयाकृष्ण कांडपाल, दीवान धपोला, वसुधा पंत, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी, पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष मीता उपाध्याय ने विचार रखे। संचालन डा. रमेश चन्द्र पाण्डेय राजन ने किया। इस मौके पर सभासद हेम तिवारी, तारा चन्द्र जोशी, लता पाण्डे, कैलाश चन्द्र गुरुरानी, विनय किरौला, रघु तिवारी, अनुराधा पाण्डे, पूरन चन्द्र तिवारी उत्तराखण्ड सेवा निधि के कमल जोशी, रमा जोशी आदि उपस्थित थे।

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