HomeUttarakhandAlmoraअल्मोड़ाः इंतजार के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में, तो फिर जन्मा आंदोलन

अल्मोड़ाः इंतजार के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में, तो फिर जन्मा आंदोलन

चरणबद्ध आंदोलन की राह पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट, पहला चरण जारी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड लंबे समय से अपनी लंबित मांगों की ओर शासन-प्रशासन का ध्यान खींचते आ रहा है। मांगों की पूर्ति का काफी इंतजार भी किया, किंतु कई मांगों का हल आश्वासन तक ही सीमित रहा। ऐसे में नाखुश होकर आखिरकार एसोसिएशन को प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ा। इसी क्रम में पहले चरण में गत 24 अप्रैल 2023 से बाहों में काला फीता बांधकर विरोध दर्ज किया जा रहा है। जो सभी जिलों में चल रहा है। अल्मोड़ा जनपद में भी बुधवार को तीसरे रोज यह विरोध जारी रहा।
आंदोलन के ऐसे चलेंगे चरण

➡️ प्रथम चरण में गत 24 अप्रैल से संवर्ग के समस्त अधिकारी एवं फार्मासिस्ट बाहों में काला फीता बांधकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
➡️ दूसरा चरण में 28 अप्रैल से शुरू होगा। जिसके तहत जिला शाखाएं सीएमओ कार्यालय प्रांगण में धरना-प्रदर्शन करेंगे। साथ ही सीएमओ के माध्यम से स्वास्थ्य महानिदेशक एवं डीएम के माध्यम से चिकित्सा सचिव को ज्ञापन भेजेंगे।
➡️ तीसरे चरण में 01 मई से 06 मई तक सुबह 8 से 10 बजे तक दो घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे और गोष्ठी व बैठकों के जरिये अपनी मांगें उठाएंगे।
➡️ 08 मई से चौथा चरण चलेगा। जिसके तहत बारी-बारी से प्रत्येक जनपद से 05-05 सदस्य निदेशालय के समक्ष क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार 08 मई को नैनीताल व हरिद्धार, 09 मई को उधमसिंहनगर व चमोली, 10 मई को अल्मोड़ा व रुद्रप्रयाग, 11 मई को टिहरी व पिथौरागढ़, 12 मई को बागेश्वर व पौढ़ी तथा 13 मई को चंपावत व उत्तरकाशी जिलों के सदस्य क्रमिक अनशन पर बैठेंगे।
➡️ इसके बाद भी मांगें लंबित रहने पर पंचम चरण में 15 मई को प्रांतीय कार्यसमिति स्वास्थ्य महानिदेशालय पर एक दिनी अनशन होगा और उसी दिन बैठक कर अंतिम चरण की घोषणा कर दी जाएगी।
ये है आंदोलन का कारण

➡️ आईपीएचएस मानक में संशोधन कर चिकित्सालयों की आवश्यकता एवं वृहद कार्य दायित्वों के दृष्टिगत सभी चिकित्सा इकाईयों में फार्मासिस्टों के पदों में वृद्धि एवं इमरजेंसी ड्यूटी के लिए फार्मासिस्ट संवर्ग के पदों के सृजन हेतु समिति की आख्या उपरांत भी 04 माह व्यतीत होने पर भी शासन को प्रस्ताव नहीं भेजा गया।
➡️ फार्मासिस्ट संवर्ग के कार्मिकों के पदनाम परिवर्तन की न्यायोचित मांग का औचित्यपूर्ण प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा गया।
➡️ पद रिक्त होने के बावजूद गत 09 माह से उप निदेशक फार्मेसी, प्रभारी अधिकारी फार्मेसी व चीफ फार्मासिस्ट के पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही लंबित है।
➡️ संगठन के बार-बार अनुरोध के बाद भी फार्मासिस्ट संवर्ग के कार्मिकों को शासनादेश के अनुसार राजकीय सेवा में दो वर्ष पूर्ण होने पर नान्फंक्शनल वेतनमान देने एवं 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रथम एसीपी अनुमन्य करने के लिए सभी जनपदों के आहरण-वितरण अधिकारियों को आदेश आज तक जारी नहीं किया गया।

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