लालकुआं : बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग, प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

लालकुआं। बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रवासियों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप…

लालकुआं। बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्रवासियों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा।

यहा दर्जनों काग्रेंस कार्यकर्ताओं एंव क्षेत्रवासियों ने वरिष्ट कांग्रेस नेता हरेंद्र सिंह बोरा और युवा नेता रज्जी सिंह बिष्ट के नेतृत्व में बिंदुखत्ता राजस्व गांव बनाए जाने की मांग को लेकर तहसील कार्यालय पहुंचकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही मौजूद तहसील आर. के. मोहित बोरा को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरेंद्र सिंह बोरा ने कहा कि बिन्दुखत्ता की जनता दशकों से राजस्व गांव की मांग कर रही है। तथा वर्तमान की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनावों में सरकार बनने पर बिन्दुखत्ता की जनता से राजस्व गांव बनाने का वायदा किया था लेकिन साढ़े तीन साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी यहां के विधायक और राज्य सरकार ने बिन्दुखत्ता राजस्व गांव के सवाल पर कोई पहल नहीं की है।

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उन्होंने सवाल कहा कि जब उत्तराखण्ड सरकार वन भूमि पर बसाए गए टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्रों के 9 गांवों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की अधिसूचना जारी कर सकती है तो बिन्दुखता को राजस्व गांव क्यों नहीं बना रही है यहां की जनता के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों, बिन्दुखत्ता को चार दशकों से भी ज्यादा समय होने के बाद भी यहां की भूमि को राजस्व गांव में बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा रही है। जबकि वन भूमि पर बसे टिहरी के इन गांवों से बहुत पहले से ही बिन्दुखत्ता और अन्य खत्तों में लोग बसे हुए हैं और उन्हें भी उसी प्रक्रिया से विधानसभा में प्रस्ताव लाकर राजस्व गांव बनाने की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थी। जिस प्रक्रिया से उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने वन भूमि पर बसे हुए इन गांवों को राजस्व गांव घोषित किया है।

इधर युवा नेता रज्जी बिष्ट ने कहा कि अगर भाजपा सरकार में थोड़ी भी ईमानदारी होती तो वन भूमि पर बसे इन 9 गांवों के साथ बिन्दुखत्ता व अन्य खत्तों को भी राजस्व गांव बनाया जा सकता था। लेकिन भाजपा सरकार का खुला भेदभाव बिन्दुखत्ता की जनता के लिए दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और विधायक बिन्दुखत्ता राजस्व गांव के सवाल पर शर्मनाक चुप्पी साधे हुए हैं। उत्तराखंड की भाजपा सरकार के इस भेदभाव वाले रवैये को लेकर बिन्दुखत्ता की जनता में काफी आक्रोश है। उन्होंने चेतावनी दी गई कि राजस्व गांव की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो राज्य सरकार और स्थानीय विधायक को बिन्दुखत्ता की जनता के विरोध को झेलने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आगामी बुधवार को उनके द्वारा सांकेतिक उपवास किया जाएगा जिसमें क्षेत्र के तमाम लोग शामिल होंगे।

इस मौके पर ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरेंद्र सिंह बोरा, नगर पंचायत अध्यक्ष लालचंद सिंह, युवा नेता भुवन पांडे, बीना जोशी, गुरदयाल मेहरा, सुरज राय, जीवन कबडवाल, मोहन कुडाई, दीपक बत्रा व राजा धामी सहित कई लोग मौजूद थे।

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