विडंबना : 14 दिन बाद भी नहीं हटा दिवंगत पत्रकार आनंद नेगी के आवास का मलबा

परिवार अन्यत्र रहने को मजबूर सीएनई रिपोर्टर, भिकियासैंण अतिवृष्टि के दौरान आई आपदा के दौरान अपने पोते—पोती सहित असमय काल का ग्रास बने वरिष्ठ पत्रकार…

  • परिवार अन्यत्र रहने को मजबूर

सीएनई रिपोर्टर, भिकियासैंण

अतिवृष्टि के दौरान आई आपदा के दौरान अपने पोते—पोती सहित असमय काल का ग्रास बने वरिष्ठ पत्रकार आनंद के क्षतिग्रस्त आवास का मलबा घटना के लगभग दो सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाजवूद नहीं हट सका है। मकान का अधिकांश हिस्सा ध्वस्त हो जाने के चलते उनका परिवार गांव में अन्यत्र शरण लिये है।

उल्लेखनीय है कि गत सोमवार, 18 अक्टूबर, 2021 को अतिवृष्टि के दौरान रात करीब 01 बजे भारी मलबा मकान में गिर जाने से वरिष्ठ पत्रकार आनंद नेगी अपने पोता—पोती, तनुज 12 साल व किरन 16 साल के साथ अपने पैत्रक गांव रापड़ स्थित क्षतिग्रस्त आवास के मलबे में दब गये। जिससे तीनों की दर्दनाक मौत ​हो गई थी। तनुज व किरन के शव हादसे के बाद मिल गये थे, जबकि एक दिन बाद 19 अक्टूबर की दोपहर आनंद नेगी का शव भी बरामद कर लिया गया था। 20 अक्टूबर को तीन चिताओं की अंत्येष्टि भिकियासैंण स्थित घाट में हुई थी। रामगंगा तथा गगास के संगम पर तीनों शवों का दाह संस्कार किया गया था।

आज घटना के करीब दो सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है। इसके बावजूद उनके क्षतिग्रस्त भवन का मलबा पूरी तरह हटाया नहीं गया है। बताया जा रहा है कि मलबा हटाने के लिए यहां मात्र 02 लोगों को प्रशासन की ओर से लगाया गया है। जिससे इस कार्य में आवश्यकता से अधिक समय लग रहा है। मकान ध्वस्त हो जाने के बाद से दिवंगत आनंद नेगी का परिवार स्व. आनंद नेगी के सबसे छोटे भाई लक्ष्मण नेगी के आवास में रह रहा है। इधर स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अतिवृष्टि के बाद आई आपदा के बाद क्षतिग्रसत हुए भवनों से मलबा हटवाने व जीर्णोद्धार का कार्य तत्काल हो जाना चाहिए था, लेकिन इसमें उदासीनता बरती जा रही है।

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