अल्मोड़ा: न्यायालय ने दो आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज की

— एक धोखाधड़ी से धन हड़पने और दूसरा लैंगिक अपराध का आरोपी सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा कौशल किशोर शुक्ला के न्यायालय ने आज…

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— एक धोखाधड़ी से धन हड़पने और दूसरा लैंगिक अपराध का आरोपी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा कौशल किशोर शुक्ला के न्यायालय ने आज दो गंभीर मामलों के आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। एक धोखाधड़ी से धन हड़पने का आरोपी है जबकि दूसरा लैंगिक अपराध के मामले का आरोपी है।

मामला—1: मामले के मुताबिक नैनीताल जिले के हीरानगर हल्द्वानी निवासी रितेश पांडे पुत्र मोहन चंद्र पांडे 13.80 लाख रुपये की ठगी/धोखाधड़ी का आरोपी है। जिसने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर यह धोखाधड़ी से धन हड़पा है। इसके खिलाफ अल्मोड़ा जिले दन्या थाने में 30 जुलाई 2022 को धारा 420 ता.हि. के तहत मामला दर्ज हुआ। इसके खिलाफ अन्य थानों में भी मुकदमे दर्ज हैं। यह आरोपी फरार चल रहा था और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा के न्यायालय से इसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इसी क्रम में इसे 8 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार गया था। आज आरोपी रितेश पांडे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा कौशल किशोर शुक्ला की अदालत में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन​ सिंह कैड़ा ने आरोपी रितेश पांडे की जमानत का घोर विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि यदि आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उसके द्वारा फिर ऐसा ही अपराध कारित करने और फरार होने की पूरी संभावना है और वह जमानत का दुरूपयोग कर साक्ष्यों व गवाहों को प्रभावित कर सकता है। पत्रावली का परिशीलन कर न्यायालय ने जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की और उसे खारिज कर दिया।
मामला—2: लैंगिक अपराध के मामले में धारा 376 (सी), 506 ता.हि. व 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी सुरेंद्र सिंह उर्फ सूर सिंह पुत्र धरम सिंह निवासी छानी ल्वेशाल, थाना सोमेश्वर, अल्मोड़ा ने अपनी जमानत के लिए विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला के न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।

आरोपी सुरेंद्र सिंह की जमानत का घोर विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने अदालत को बताया कि यदि उसे जमानत दी जाती है, तो वह अभियोजन पक्ष के गवाहों को डरा—धमका सकता है और नाबालिग बच्चों के साथ फिर अपराध कारित कर सकता है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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