जगमोहन रौतेला
हल्द्वानी। माले ने “शोक व धिक्कार दिवस” मनाते हुए त्रासदीपूर्ण
औरंगाबाद रेल दुर्घटना व विशाखापटनम गैस लीक घटना पर गहरा दुख व आक्रोश व्यक्त किया। शोक और धिक्कार दिवस पर रेलवे ट्रैक व गैस रिसाव से मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
भाकपा (माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने औरंगाबाद में रेल पटरियों पर 17 प्रवासी मजदूरों के मारे जाने,विशाखापटनम गैस लीक में मारे गए लोगों सहित लॉकडाउन के बाद से अब तक भूख व घर पहुंचने के दौरान रास्ते मे भूख व दुर्घटना तथा अन्य बीमारियों के कारण सैकड़ों हजारों की संख्या में मर रहे प्रवासी मजदूरों के इस त्रासदीपूर्ण बिगड़ती स्थिति के लिये मोदी राज को जिम्मेदार ठहराते हुए औरंगाबाद रेल पटरी दुर्घटना को लॉकडाउन प्रायोजित हिंसा बताया तथा इस त्रासद पूर्ण स्थिति के लिए जिम्मेदार पीएम मोदी से देश से माफी मांगने को कहा ।
उन्होंने सभी प्रवासी मजदूरों को फ्री ट्रेन द्वारा जल्द से जल्द सुरक्षित घर वापसी की भाकपा (माले) की पुरानी मांग को दोहराते हुए औरंगाबाद रेल दुर्घटना में मारे गए सभी प्रवासी मजदूरों सहित लॉकडाउन जनित हिंसा में मारे गए सभी प्रवासी व गरीब,मजदूरों को पीएम केअर फंड से एक एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की।
भाकपा (माले) जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने मोदी सरकार से इस अराजक हालात को और ज्यादा बिगड़ने से रोकने के लिये प्रवासी मजदूरों के लिये तुरन्त विस्तृत कार्य योजना घोषित करने, विशाखापट्टनम गैस रिसाव और मौतों की सक्षम न्यायिक जाँच कराने, कम्पनी मालिक को तुरन्त गिरफ्तार करने और उस कम्पनी को बन्द करने की मांग को पुरजोर तरीके से उठाते हुए कहा कि, “क्या ये महज़ दुर्घटनाएं मान ली जानी चाहिए? बिल्कुल नहीं, ये राज्य प्रायोजित मज़दूरों का जनसंहार है। बिना तैयारी और सुरक्षा-जांच के फैक्ट्री को खोलना और पैदल रेल ट्रैक से आ रहे थे और थककर ट्रैक पर ही सो गए मज़दूर, यह समझते हुए कि ट्रेन आजकल बन्द है अनजानी बातें नहीं हैं। गैस रिसाव और मालगाड़ी से कुचले जाने से हुई ये मौतें लाकडाउन व्यवस्था की आपराधिक लापरवाही का परिणाम हैं।”
शोक व धिक्कार दिवस में कामरेड राजा बहुगुणा, वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, माले जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय, इन्द्रेश मैखुरी, के पी चंदोला, गोविंद कफलिया, ललित मटियाली, विमला रौथाण, भुवन जोशी, पुष्कर दुबडिया, गोविंद जीना, आनंदी जोशी, खीम, मनोज, विनोद, नारायण नाथ, बुद्धि राम, गिरीश जोशी, राजेन्द्र शाह, उमेश, प्रेमराम, ललित जोशी, संयुक्ता, पिंकी जोशी, चंद्रकला, पार्वती कोरंगा, महेंद्र जीना, विवेक, भूपाल जग्गी, अकील अहमद, किशन बघरी,
जाकिर, नरेंद्र, धनीराम, परमवीर, राजू, महकू, प्रियंका, सोनू, पंकज, अभिषेक, मोनू, चुनमुन आदि ने अपना प्रतिरोध काली पट्टी बांधकर, काले झंडों, स्लोगनों के साथ कोरोना लॉकडाउन की शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अपने घरों व पार्टी कार्यालय में किया।
इस अवसर पर प्रवासी मजदूरों को तुरन्त निःशुल्क- सुरक्षित घर वापसी आज सबसे बड़ी आपातकालीन जरूरत है, इसे तत्काल प्रभाव से किये जाने, पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को इसके लिए देशवासियों खासकर फँसे हुए प्रवासी मजदूरों से माफी मांगने,मोदी सरकार से इस अराजक हालात के और ज्यादा बिगड़ने से रोकने के लिए प्रवासी मजदूरों के लिए तुरन्त “विस्तृत कार्य-योजना” घोषित करने, रेल पटरियों पर मारे गए प्रवासी मजदूरों व विशाखापट्नम गैस रिसाव के मृतकों के परिवार को मोदी सरकार 1-1 करोड़ रूपया मुआवजा भुगतान करने, सरकार विशाखापट्टनम गैस रिसाव और मौतों की सक्षम न्यायिक जाँच कराये, कम्पनी मालिक को तुरन्त गिरफ्तार करने और उस कम्पनी को बन्द करने की मांग उठाई गई।