आक्रोश : अल्मोड़ा में लगा कांग्रेसियों का जमावड़ा, यौन शोषण मामले में प्रदेश सरकार की जमकर खिंचाई, निष्पक्ष जांच और डीएनए टेस्ट की पुरजोर मांग

सीएनई संवाददात, अल्मोड़ादिनांक — 7 सितंबर, 2020 सोमवार को कांग्रेस के कई शीर्ष नेतागण और कार्यकर्ताओं का यहां चौघानपाटा में जमावड़ा लग गया। जहां पर…

सीएनई संवाददात, अल्मोड़ा
दिनांक — 7 सितंबर, 2020

सोमवार को कांग्रेस के कई शीर्ष नेतागण और कार्यकर्ताओं का यहां चौघानपाटा में जमावड़ा लग गया। जहां पर उन्होंने धरना—प्रदर्शन किया। गांधी पार्क में घंटों धरने के साथ सभा हुई। जिसमें प्रदेश सरकार की जमकर खिंचाईं हुई। दरअसल, यह धरना व सभा कार्यक्रम द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी के यौन शोषण प्रकरण को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आहूत था। कांग्रेसजनों ने विधायक पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच करने और विधायक व महिला की बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने की पुरजोर मांग इस धरना—प्रदर्शन के माध्यम से उठाई।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार विभिन्न क्षेत्रों से कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता बैनरों के साथ यहां चौघानपाटा पहुंचे। जहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ प्रदर्शन हुआ। कार्यकर्ता हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां हाथों में लिये हुए थे। जिनमें बेटी बचाओ भाजपा विधायकों से, लिखा था। करीब 11 बजे गांधी पार्क में धरना व सभा शुरू हुई। कार्यक्रम लगभग चार घंटे तक चला। कार्यक्रम में मुख्य रूप से संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा का चार साल का कार्यकाल नाकामीभरा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है, जब किसी जनप्रतिनिधि पर उसी क्षेत्र की महिला द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाया जाए। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं जागेश्वर के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में मामला चर्चित है, लेकिन सरकार इस गंभीर मामले पर मूकदर्शक बनी है। यहां तक कि एफआइआर के लिए भी अदालत की शरण लेनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। अब जनता को ऐसी सरकार को सबक सिखाना चाहिए। उपनेता करन महरा ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर और सोचनीय है। इस मामले को सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाया जाएगा। उन्होंने कहा​ कि भाजपा ईमानदार है, तो उसकी सरकार को इस मामले पर निष्पक्ष न्याय करन चाहिए। पूर्व विधायक मदन बिष्ट ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद विधायक व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। अब यदि विधायक में जरा भी नैतिकता बची हैं, तो उन्हें खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले को दबाने षडयंत्र लगातार चल रहा है, लेकिन ऐसा अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार के दबाव के चलते पुलिस द्वारा पीड़ित महिला की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नही की गयी। वर्तमान सरकार से न्याय नहीं मिलने एवं एफआइआर दर्ज नहीं होने पर पीड़ित महिला को मजबूरन न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश की महिलाओं का अपमान है। कई दिन बीतने के बाद भी बावजूद महिला के आरोपों के आधार पर विधायक व बच्चे का डीएनए टैस्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी भाजपा के शीर्ष नेताओं पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं। ऐसे प्रकरणों से भाजपा की मानसिकता उजागर हो गई है। यह आरोप भी लगाया कि भाजपा की ऐसी शर्मनाक घटनाओं के चलते देश व दुनिया में उत्तराखंड की छवि को धूमिल करने का कार्य किया है। सभी वक्ताओं ने विधायक महेश नेगी और महिला की बच्ची का डीएनए जांच करने और निष्पक्ष जांच करने की पुरजोर मांग उठाई। सभा के साथ ही कांग्रेसजनों ने जिला प्रशासन के मध्यम से इस मांग का ज्ञापन राज्यपाल को भेजा।
सभा को राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक द्वाराहाट मदन बिष्ट, पूर्व विधायक मनोज तिवारी, पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत, पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, सिकंदर पवार, पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र बाराकोटी, दीवान सतवाल, पूरन​ बिष्ट, गोपाल सिंह खोलिया समेत अनेक कांग्रेस नेताओं ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष पीतांबर पांडे व संचालन नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला ने किया। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक, इंटक जिलाध्यक्ष दीपक मेहता, दीपेश चंद्र जोशी, तारा चंद्र जोशी, शरद चंद्र साह, दीपा साह, राजेंद्र बोरा, प्रदीप बिष्ट, पूरन सिंह सुप्याल, रोबिन मनोज भंडारी, राजीव कर्नाटक, दीपांशु पांडे, हर्ष कनवाल, बाल कृष्ण, वैभव पांडे, मनोज कुमार वर्मा, गीता महरा, अंबी राम आर्य, बहादुर सिंह बिष्ट, भावना बोरा, वीके भट्ट आदि कई कांग्रेसजन मौजूद रहे।

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