सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जुट चुकी कांग्रेस पार्टी जल्द ही विधानसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। बकायदा कांग्रेस ने इस काम के लिए एक केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी का गठन भी कर लिया है।
कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की सूची जारी करने को लेकर कई बड़े सवाल पैदा हो रहे हैं। भाजपा से पुन: कांग्रेस में आये लोगों के लिए क्या मानक होंगे, विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चल रही गुटबाजी व टिकट की दावेदारी की होड़ के बीच किस तरह पार्टी अपने उम्मीदवार का चुनाव करेगी। यह सभी बातें न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं, बल्कि शीर्ष नेताओं को भी परेशान कर रही हैं।
हालांकि इस संबंध में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कुछ शंकाओं का समाधान किया है। उनका साफ कहना है कि पहला यह कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक प्रत्याशियों की प्रथम सूची जारी हो जायेगी। दूसरी महत्वपूर्ण बात उन्होंने यह कही है कि पार्टी प्रत्याशी के लिए मानक स्पष्ट हैं। एक वह व्यक्ति पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता होना चाहिए, दूजी बात वह जनमुद्दों के लिए जूझता हो और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जनता उसे पसंद करती हो। यदि व्यक्ति ये मानक पूरा करता है तो भले वो पूर्व में कितनी भी बार हारा हो, उसे टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस प्रभारी के इस बयान से यह साफ हो चुका है कि पार्टी जिताऊ प्रत्याशी को ही चुनावी समर में उतारेगी। हारे हुए प्रत्याशियों को भी दरकिनारा नहीं किया जायेगा।
ऐसे में एक प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में लौटे नैनीताल के पूर्व विधायक संजीव आर्य के लिए क्या तय हुआ है ? क्या उनकी वजह से महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य का टिकट कट जायेगा ? फिलहाल कांग्रेस प्रभारी ने इस तरह की सभी चर्चाओं को खारिज कर दिया है। यानी कुछ साफ नहीं किया है कि कांग्रेस क्या तय करने जा रही है।
प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि राज्य में प्रत्याशियों के चयन के लिए अब तक पार्टी दो सर्वे करा चुकी है। अब अंतिम चरण के लिए केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है और यहां प्रत्याशी तय करने की अपनी खास प्रक्रिया है। भाजपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति पार्टी में आता है तो उसकी छवि और उपयोगिता दोनों को परखा जायेगा। अलबत्ता देखना यह है कि दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह तक पार्टी किसे टिकट देती है और किसका नाम सूची से कट जाता है।