मुश्किल में कांग्रेस, आजाद के बाद अब तिवारी ने दिखाए तेवर, दिया बड़ा बयान
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महत्वपूर्ण कथन –
- ”कांग्रेस व देश ने अलग-अलग सोचना शुरू कर दिया है”,
- ”कांग्रेस नेताओं के चपरासी देते हैं ज्ञान”
सीएनई डेस्क
देश में चल रहे नए राजनैतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद के बाद अब पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बगावत में उतर आये हैं। आज शनिवार को उन्होंने अपने बयान में कहा कि ”कांग्रेस और देश, दोनों में से किसी एक ने अलग तरह सोचना शुरू कर दिया है।”
यह बोले मनीष तिवारी –
मनीष तिवारी ने कहा कि, ‘कांग्रेस नेताओं का चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो हंसी का पात्र होता है। अजीब बात यह है कि जिन लोगों में वार्ड चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं है, वे कांग्रेस नेताओं के चपरासी थे, जब पार्टी के बारे में ज्ञान दिया जाता है तो यह हास्यास्पद है। हम एक गंभीर स्थिति में हैं। जो हुआ वह खेदजनक, दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें किसी से कोई सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। मैंने 42 साल इस पार्टी को दिए हैं। जिन लोगों ने पत्र लिखे हैं, उन्होंने मुझसे ज्यादा समय पार्टी को दिया है। इस संस्था में हम किराएदार नहीं है, हिस्सेदार हैं। आप धक्के मारकर निकालने की कोशिश करोगे तो देखा जाएगा।’ मैं गुलाम नबी आजाद पर कमेंट नहीं करना चाहता। उनके पत्र के गुण-दोष में नहीं जाना चाहता। वह समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे। पार्टी के बारे में “ज्ञान” हास्यास्पद है। हममें से 23 लोगों ने 2 साल पहले सोनिया गांधी को लिखा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई। अगर कांग्रेस और भारत एक जैसे सोचते हैं, तो लगता है कि दोनों में से किसी एक ने अलग-अलग सोचना शुरू कर दिया है। मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो आज पार्टी के सीनियर नेता छोड़कर नहीं जाते।”
सुनिये क्या बोले मनीष तिवारी –