जागरूकता से ही होगा बाल अधिकारों का संरक्षण: गीता खन्ना

👉 अल्मोड़ा में आयोजित कार्यशाला में बोलीं बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष 👉 स्प्रिंग डेल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल में कार्यशाला आयोजित सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: समाज…

जागरूकता से ही होगा बाल अधिकारों का संरक्षण: गीता खन्ना

👉 अल्मोड़ा में आयोजित कार्यशाला में बोलीं बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष

👉 स्प्रिंग डेल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल में कार्यशाला आयोजित

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: समाज की जागरूकता से ही बाल अधिकारों का संरक्षण हो सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को सामाजिक नयाय एवं बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक करना आयोग का प्रथम ध्येय है। यह बात आज उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने यहां बाल संरक्षण पर आधारित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कही। यह कार्यशाला स्प्रिंग डेल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल अल्मोड़ा में आयोजित की गई।

कार्यशाला में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कहा कि हमारा प्रथम लक्ष्य हर किसी को सामाजिक न्याय व बच्चों के प्रति उनके अधिकारों से जागरूक करना है। इसीलिए जिला प्रशासन, अभिभावकों, न्याय विभाग, राजनैतिक संगठनों व हर स्तर पर बाल अधिकारों की चर्चा होना जरूरी है, ताकि स्वतः ही बच्चों के लिए काम कर सकें। कार्यशाला में उपस्थित छात्र-छात्राओं को बाल अधिकारों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सभी को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदत्त अधिकारों और सरकारी योजनाओं की सही जानकारी नहीं होने के कारण कई लोग योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते। उन्होंने कहा कि निर्धन परिवारों के बच्चे भी अच्छे स्कूलों से शिक्षा प्राएं, इसके लिए उत्तराखण्ड सरकार कार्य कर रही है।

अध्यक्ष ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग जनपद स्तर पर उक्त उद्देश्य से ही कार्यशाला का आयोजन कर रहा है, ताकि प्रत्येक जनपद में जाकर सम्बन्धित विभागों व बच्चों के साथ काम कर रहे एनजीओ एवं अध्यापकों आदि से मिल सकें। उन्होंने कहा कि आयोग ने बाल विकास सभा का गठन किया है। इनके द्वारा स्कूलों, ऑगनबाड़ी केन्द्रों व शिशु सदनों में बच्चों के बीच जाकर संवाद स्थापित किया जा रहा है तथा उनकी समस्याओं को जानने एवं उनका समाधान किये जाने का कार्य किया जा रहा है। देखा जा रहा है कि कहीं सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में बाल अधिकारों का किसी भी रूप में हनन तो नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग कोचिंग संस्थानों पर विशेष नजर रखे हुए है। इन संस्थानों के लिए अभी कोई मापदण्ड नहीं है, न ही वे किसी निगरानी में कार्य कर रहे है।

कार्यशाला में पुलिस उपाधीक्षक विमल प्रसाद ने छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा संबंधी विस्तृत जानकारी दी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा नीति समझाई। कार्यशाला में बाल आयोग के सदस्य विनोद कपरवान, सुमन राय, अजय वर्मा, रेखा रौतेला समेत भाजपा के जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा, पूर्व जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, जिला महामंत्री धर्मेंद्र बिष्ट, जिला प्रोबेशन अधिकारी कल्पना मनराल, जिला कार्यक्रम अधिकारी पीताम्बर प्रसाद, ट्रैफिक इंसपेक्टर गणेश सिंह हरड़िया, अयूब अली, बाल विकास विभाग से पीसी जोशी, योगेश कुमार, गीता जोशी, नीलिमा जोशी, विनीत बिष्ट, मनोज जोशी, अंकित पाण्डे, सुशील सोहन लाल, ज्योत्सना, विपुल कार्की, अशोक जलाल, नवजोत जोशी, त्रिलोक लटवाल, रघु तिवारी, आनन्द बल्लभ काण्डपाल सहित अनेक स्कूलों से छात्र-छात्रायें एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *