सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान द्वारा आयोजित बच्चों के ऑनलाइन बाल कवि सम्मेलन में 33 बच्चों ने अपनी स्वरचित कविताएं प्रस्तुत की। बच्चों ने दिए गए शब्दों के आधार पर कविताएं प्रस्तुत की। इनमें खासकर दीपावली, प्रदूषण, गरीबों की दीवाली, बम पटाखा आदि स्वरचित कविताएं सामने आई।
बाल कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि बाल साहित्यकार सूर्यकुमार पांडेय (लखनऊ) ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि आज के बच्चे बहुत जागरूक हैं। बच्चों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी रचनाएं पढ़ी। उन्होंने कहा कि बाल कवि सम्मेलन का संचालन कर रही छोटी बालिका ने पूरे जोशखरोस से अपनी बात रखीं। उन्होंने कहा कि बड़े साहित्यकारों को बच्चों के मनोविज्ञान का समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए साहित्य लिखते समय बाल साहित्यकारों को बच्चा बनकर बाल मनोविज्ञान को समझना जरूरी है। बच्चों को संबोधित करते हुए उप शिक्षा निदेशक आकाश सारस्वत ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई के साथ रचनात्मक कार्यो से अपनी पहचान बनाएं।
बालप्रहरी के संपादक तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने सभी का स्वागत करते हुए पिछली गतिविधियों की जानकारी दी। इस बाल कवि सम्मेलन की अध्यक्षता राजकीय इंटर कालेज चौरा हवालबाग, अल्मोड़ा की कक्षा 10 की छात्रा कनक जोशी ने की जबकि संचालन उदयन इंटरनेशनल स्कूल चंपावत की आठवीं कक्षा की छात्रा फाल्गुनी शक्टा ने किया। इसमें रोमा, मानवी, सुदिति, सृष्टि, मीनाक्षी, प्रांजली, चित्रांशी, मन्नत, नवन्या, निहारिका, दिव्यम, अलीशा, आद्या, सुवर्णा, शिवांशी, लक्षित, कंचन, ऋषि, ऊर्जा, आईशा, अमान, अर्ज रागिनी, उन्मुख, रचित, अभिषी, यषिता, मयंक, आयुष आदि ने कविता पाठ किया। इस मौके पर कीतिबल्लभ शक्टा, शशि ओझा, वेद मित्र शुक्ल, कमलेश शक्टा, डॉ.इंद्रा पांडे, गीता कन्नौजिया, महेश जोशी, उद्धव भयवाल सहित कई साहित्यकार, शिक्षक एवं अभिभावकों ने ऑनलाइन भागीदारी की।
अल्मोड़ा न्यूज: बच्चों ने आनलाइन दिखाया अपनी रचना का हुनर, बाल रचनाकारों ने साहित्यकारों को किया प्रभावित
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाबालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान द्वारा आयोजित बच्चों के ऑनलाइन बाल कवि सम्मेलन में 33 बच्चों ने अपनी स्वरचित कविताएं प्रस्तुत की। बच्चों ने…