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चंडीगढ़। पंजाब में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कई घंटों की माथापच्ची के बाद रविवार शाम को चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लग गई. वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे. पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब कांग्रेस के विधायक दल का नेता चुने जाने का ऐलान किया. चन्नी से पहले पंजाब सरकार में मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम को तकरीबन फाइनल बताया जा रहा था, लेकिन आखिरी समय में उनके नाम की जगह चरणजीत सिंह के नाम का ऐलान किया गया. यह पहली बार होगा, जब पंजाब में दलित नेता को राज्य की कमान सौंपी गई है.
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चन्नी समेत कांग्रेस नेता शाम को राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे. प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब के राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा था. चन्नी के साथ राजभवन नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश रावत भी गए हैं. चन्नी को कैप्टन अमरिंदर सिंह का विरोधी बताया जाता रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही पंजाब के नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं.
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट किया, ”मुझे यह घोषणा करते हुए अपार खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है.” इससे पहले आखिरी समय तक सुखजिंदर सिंह रंधावा के मुख्यमंत्री बनने की बातें सामने आ रही थीं, लेकिन ऐलान से कुछ देर पहले पता चला कि एक गुट की मांग है कि दलित सिख को मुख्यमंत्री बनाया जाए. इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. चन्नी के नाम पर दिल्ली में मौजूद कांग्रेस आलाकमान ने भी मंजूरी दे दी.
चरणजीत को अपना छोटा भाई बताते हुए सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि यह आलाकमान का फैसला है. उन्होंने कहा, ”मैं इसका स्वागत करता हूं. वह मेरा छोटा भाई है. मैं बिल्कुल भी दुखी नहीं हूं.” इससे पहले, जब रंधावा का नाम आगे चल रहा था तो उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ता हैं और कौन राज्य का सीएम बनने जा रहा है, इसका ऐलान रविवार को ही हो जाएगा.
कई और नामों की भी चल रही थी चर्चा
कई और नामों की भी चर्चाएं हो रही थीं. सबसे पहले राहुल गांधी के करीबी और पूर्व पंजाब कांग्रेस चीफ सुनील जाखड़ का नाम सामने आया था. उसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी को अगले कुछ समय तक पंजाब की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा था, जिसे उन्होंने मना कर दिया था. सोनी ने कहा था कि उनका मानना है कि पंजाब में मुख्यमंत्री सिख ही होना चाहिए और इसी वजह से उन्होंने इनकार कर दिया.
कैप्टन अमरिंदर ने दिया था इस्तीफा
पंजाब में कई दिनों से चले आ रहे घमासान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही उनके मंत्रिमंडल ने भी त्यागपत्र सौंप दिया था. कैप्टन ने मीडिया से बात करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू पर करारा वार किया था और आरोप लगाया था कि उनके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा के साथ दोस्ती है. कैप्टन ने कहा था कि यदि कांग्रेस सिद्धू को अगले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाती है तो वह इसका विरोध करेंगे. कैप्टन का कहना था कि अभी तक कांग्रेस में ही हैं, लेकिन भविष्य की राजनीति के लिए विकल्प खुले हुए हैं.
साभार- आजतक