
वर्तमान वर्ष 2022 में चैत्र नवरात्रि आज 02 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। यह पूरे नौ दिन तक चलेंगी। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की आराधना का विशेष महत्व है।
उल्लेखनीय है कि नवरात्रि पर हर घर में घट स्थापना या कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कई श्रद्धालुजन 09 दिनों का व्रत भी रखते हैं। इस बार नवरात्रि घट स्थापना का मुहूर्त 2 अप्रैल 2022 शनिवार को सुबह 6.22 बजे से 8.31 बजे तक रहेगा।
नवरात्रि को कुछ ही दिन शेष हैं, अतएव आवश्यक है कि आप इस बार नवरात्रि की विशेष तैयारियां पूर्व से ही कर लें। इन तैयारियों में कुछ ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में भी जानना जरूरी है।
नाखून और केश नवरात्रों से पूर्व ही कटवा लीजिए —
मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में बाल व नाखून काटना अशुभ रहता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप पूर्व ही यह कार्य भी संपन्न कर लीजिए।
देवी मां के स्वागत में चमका लीजिए घर —
नवरात्रों में सफाई का भी खास ध्यान देना चाहिए। कहा जाता है कि देवी मां गंदगी में वास नहीं कर सकतीं। अतएव घर की साफ—सफाई पर भी आप नवरात्रों से पूर्व ध्यान दे दीजिए। अंतिम समय में सभी काम पूर्ण होने कई बार मुश्किल हो जाते हैं।
कलश—घट इत्यादि पूजन सामग्री –
नवरात्रों के दौरान बाजार में भीड़ बढ़ सकती है। अतएव आप नवारात्रों का संपूर्ण सामान नवरात्रों से पूर्व ही खरीद कर घर में रख लीजिए। जिससे आपका समय भी बच जायेगा। इसके लिए जरूरी है कि पूजन सामग्री से लेकर हवन सामग्री तक की आप पहले से ही लिस्ट बना लीजिए।
विभिन्न भोग लगेंगे, कर लीजिए पूर्व तैयारी –
नवरात्रि में नव दुर्गाओं को नव दिवस अलग-अलग भोग की परंपरा है। अतएव इन भोगों की पूर्व से ही तैयारी कर लें। सम्भव है कि भोग लगाने के लिए घर में अलग-अलग पकवान या मिष्ठान बनें, इसके लिए पहले से ही आवश्यक सामान ले आएं और किस दिन किस चीज का भोग लगाएंगे, इस बारे में भी पहले से भी तय कर लें। साथ ही जो लोग व्रत करते हैं, वे व्रत की सामग्री भी ले आएं।
मां शैलपुत्री का मंत्र:
देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्. वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ स्तुति: या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
चैत्र नवरात्रि 2022 की तिथियां —
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, 02 अप्रैल, पहला दिन: मां शैलपुत्री की पूजा, कलश स्थापना
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, 03 अप्रैल, दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, 04 अप्रैल, तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा की पूजा
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, 05 अप्रैल, चौथा दिन: मां कुष्मांडा की पूजा
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि, 06 अप्रैल, पांचवा दिन: देवी स्कन्दमाता की पूजा
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि, 07 अप्रैल, छठा दिन: मां कात्यायनी की पूजा
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि, 08 अप्रैल, सातवां दिन: मां कालरात्रि की पूजा
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि, 09 अप्रैल, आठवां दिन: देवी महागौरी की पूजा, दूर्गा अष्टमी
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, 10 अप्रैल, नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा, राम नवमी
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि, 11 अप्रैल, दसवां दिन: नवरात्रि का पारण, हवन