“बसपा का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अटल”, मायावती बोलीं- गठबंधन और तीसरा मोर्चा बनाने की अफवाह न फैलाएं

लखनऊ | बसपा लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। एक बार फिर बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है। यानी, बसपा के I.N.D.I. गठबंधन में शामिल…

लखनऊ | बसपा लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। एक बार फिर बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है। यानी, बसपा के I.N.D.I. गठबंधन में शामिल होने की कयासबाजी पर विराम लग गया है। मायावती ने शनिवार को X पर लिखा-लोकसभा चुनाव को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जो की गलत है।

उन्होंने कहा- BSP लोकसभा चुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी और दमखम के साथ लड़ेगी। यह फैसला अटल है। तीसरे मोर्चा बनाने की अफवाह फैलाना गलत है। BSP के मजबूती से चुनाव लड़ने के कारण विरोधी लोग काफी बेचैन लगते हैं। इसलिए यह आए दिन तरह-तरह की अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं। मगर बहुजन समाज के हित में BSP का अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

बसपा प्रमुख ने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा कि मीडिया ऐसी शरारतपूर्ण खबरें देकर अपनी विश्वसनीयता न खोए, लोग भी सावधान रहें। इससे पहले 15 जनवरी को मायावती ने अपने बर्थडे पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

कांग्रेस और अन्य राज्यों में गठबंधन की उठी थी ये चर्चा

दरअसल, शुक्रवार को एक बार फिर मीडिया में BSP को लेकर अलग-अलग तरह की खबरें सामने आई थीं। तमाम मीडिया की वेबसाइट और समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित की गई कि मायावती ने वैसे तो पिछले लोकसभा चुनाव से पहले भी अकेले ही लड़ने की घोषणा की थी। मगर बाद में सभी को चौंकाते हुए उन्होंने धुर विरोधी सपा से गठबंधन किया था। ऐसे में इस बार बसपा का कांग्रेस से गठबंधन हो सकता है।”

सियासी गलियारों में यह भी चर्चा थी है कि प्रियंका गांधी और मायावती की लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर टेलीफोन पर बातचीत भी हो चुकी है। यह बातचीत सोनिया गांधी की पहल पर शुरू की गई है।

15 जनवरी को मायावती ने अपने बर्थडे पर कहा था कि गठबंधन से फायदा कम, नुकसान ज्यादा होता है। बसपा से कई पार्टियां गठबंधन करना चाहती हैं। मगर हम सभी पार्टियों से दूरी बनाकर रखेंगे। हालांकि, चुनाव के बाद सरकार में शामिल हो सकते हैं। गठबंधन में BSP का वोट, तो दूसरी पार्टियों को मिलता है, मगर हमें नहीं मिलता है। 1993 और 1996 में BSP के गठबंधन का फायदा सपा, कांग्रेस को मिला था। 2002 में बसपा अकेले चुनाव लड़कर 100 सीट जीती थी।

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