अल्मोड़ा: नगर के व्यस्त जगह पर खतरा बनी विशाल पेड़ों की टहनियां, कोई सुधलेवा नहीं

✍️ क्षेत्रीय लोगों ने प्रशासन का ध्यान खींचा, मगर गौर नहीं फरमाया ✍️ महकमे की यह अनदेखी कभी भी पड़ सकती है भारी सीएनई रिपोर्टर,…

नगर के व्यस्त जगह पर खतरा बनी विशाल पेड़ों की टहनियां, कोई सुधलेवा नहीं


✍️ क्षेत्रीय लोगों ने प्रशासन का ध्यान खींचा, मगर गौर नहीं फरमाया
✍️ महकमे की यह अनदेखी कभी भी पड़ सकती है भारी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: यहां एडम्स स्कूल व साईं बाबा मंदिर के निकट व्यस्त जगह पर पुराने विशाल पेड़ बड़ा खतरा बने हुए हैं। स्थिति ये है कि यदि समय रहते इन विशाल पेड़ों की टहनियों की छंटाई नहीं की गई, तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यह खतरा काफी समय से बना है, किंतु प्रशासन व वन महकमे की बेरुखी का आलम ये है कि बार—बार क्षेत्रीय लोगों की गुहार के बावजूद खतरा टालने के लिए कोई कदम नहीं उठा। लोगों के अनुरोध को इस कदर टाल दिया गया, मानों किसी दुर्घटना का इंतजार हो। आगे पढ़िये…

शिखर तिराहा—एनटीडी सड़क में साईंबाबा मंदिर के समीप एडम्स परिसर से लगे कई विशाल पुराने पेड़ हैं। जिनकी कई छोटी—बड़ी टहनियां जीर्ण—क्षीण हालत में पहुंच चुकी हैं। कुछ सूख कर खोखली हो चुकी हैं। इनके अलावा काफी लंबी—लंबी जीवित टहनियां हैं। ऐसे में बंदरों की उछल कूद और हवा के तेज झौंकों के दौरान समय—समय पर कई टहनियां नीचे गिर चुकी हैं। यह अलग बात है कि कोई इनकी चपेट में नहीं आ पाया। यहां सर्वविदित है कि यह जगह व्यस्त है, जहां से लगातार दुपहिया व चौपहिया वाहनों की आवाजाही लगी रहती हैं। वहीं करीब 05 विद्यालयों के बच्चों का इसी रास्ते से आवाजाही होती है। कई दुकानें भी हैं। इसके अलावा राहगीरों का लगातार आना—जाना इस जगह से रहता है। ऐसी स्थिति में इन विशाल पेड़ों की टहनियों के बंदरों की लगातार उछल कूद तथा आंधी तूफान में नीचे गिरने का खतरा बना रहता है। ऐसे में खतरा यह बना है कि कभी किसी भी कारणवश अचानक कोई बड़ी टहनी गिरी, तो बड़ा हादसा हो सकता है। लोग चाटिल हो सकते हैं, ​किसी के उपर टहनी गिरना जानलेवा भी हो सकता है और इस जगह पर पार्क वाहनों को क्षति पहुंच सकती है। इतना ही नहीं इन पेड़ों के नीचे से विद्युत संयोजन के तार भी गुजर रहे हैं। टहनियों के इनके उपर​ गिरने की ​दशा में शॉट सर्किट का खतरा भी बना है। आगे पढ़िये…

ऐसे खतरे के बावजूद अनदेखी का आलम ये है कि क्षेत्र के कई जागरुक लोग जिला प्रशासन, एडम्स कालेज प्रबंधन एवं वन विभाग का ध्यान समय—समय पर इस खतरे की तरफ खींचते रहे हैं। हर स्तर पर पत्र लिखकर पेड़ों की खतरा बनी टहनियों की छंटाई करके इस समस्या का समाधान करने की गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद हद ये है कि किसी भी स्तर से लोगों के अनुरोध पर गौर नहीं फरमाया गया। लोगों के अनुरोध पत्रों को ऐसे ठंडे बस्ते में डाल दिया, मानो किसी दुर्घटना का इंतजार हो। प्रशासन के इस रुख पर क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिकों राघव पंत, एडवोकेट जेसी गुप्ता, जगत सिंह, जेसी तिवारी, चंद्रशेखर उप्रेती, दीपा बिष्ट, भगवती प्रसाद पंत तथा साई कृपाधाम समिति के अध्यक्ष व सचिव समेत कई लोगों में नाखुशी है। उन्होंने फिर प्रशासन व वन विभाग से इस मामले में त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है।

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