किच्छा। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार किसान विरोधी है और कृषि मंडियों को बंद करने की साजिश की जा रही है तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने की साजिश की जा रही है जारी बयान में डॉ. उपाध्याय ने कहा कि सस्ते गल्ले की दुकान को भी बंद करने की कोशिश की जारी है, किसानों के फसलों का मूल्य निर्धारण फैक्ट्रियां के मालिक, उद्योगपति जो किसानों की फसलों को खरीदने व बेचने का कारोबार करेंगे,
सरकार ने उनके हाथों में मूल्य धारण करने का मौका देने की कोशिश की है, आज सरकार को चाहिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य खुद निर्धारित करें, जिस तरह से 20 से 30 प्रतिशत महंगाई में बढ़ोतरी हुई है, उसी तरह किसानों को फसलों का मूल्य का निर्धारण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज सरकार अपना पल्ला झाड़ रही है, जैसे की पूर्व मे चंद उद्योगपतियों का 5 लाख 55 हजार करोड़ कर्ज माफ किया है, लेकिन किसानों का कोई कर्जा माफ व छूट नहीं दी है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में लॉकडाउन कोरोना महामारी के दौरान वित्त मंत्री ने 20 लाख करोड़ का जो पैकेज देश के हर क्षेत्रों में दिया था, उसमें महंगाई व महामारी तथा आम जनता व किसानों को क्या फायदा मिला? यह सब देश की जनता देख रही है कि उसका कोई भी फायदा देश की जनता व किसानों को नहीं मिल पाया।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में डबल बेंच की खंडपीठ ने एक ऐतिहासिक किसान हित में फैसला दिया था। उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करें और मिनिमम सपोर्ट प्राइस (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तीन गुना किया जाए, जो अभी तक लागू नहीं किया गया है जिसका मामला अभी भी नैनीताल हाई कोर्ट में चल रहा है, जो किसान हित में जारी है, लेकिन आज बड़ा दुर्भाग्य है, कि किसानों को 2022 में केंद्र की मोदी सरकार ने आय दुगनी करने तथा अच्छे दिन का भरोसा दिलाया था। परंतु यह केवल भ्रम जाल प्रतीत होता है।
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