बिग ब्रेकिंग: 35 लाख कीमत की भालू की पित्तियां बरामद, तीन गिरफ्तार

👉 बागेश्वर में एसओजी व वन विभाग की साझा टीम को बड़ी सफलता
👉 15 सालों में वन्य जीव जंतु अधिनियम के तहत सबसे बड़ा मामला
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: वन्य जीव तस्करी मामले में एसओजी व वन विभाग की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने भालू की तीन दुर्लभ पित्ती के साथ तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिसकी कीमत लगभग स्थानीय बाजार भाव में 35 लाख रुपये आंकी है। पुलिस पिछले 15 वर्ष से अब तक के वन्य जीव जंतु अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई को सबसे बड़ा मान रही है। एसपी ने टीम को 10 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।
कोतवाली में पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम चेकिंग अभियान पर थी। बस स्टाप पर चेकिंग के दौरान शक होने पर तीन लोगों से पूछताछ की गई। तो वे सकपका गए। उनकी तलाशी लेने पर उनसे 340.62 ग्राम भालू की तीन पित्तियां बरामद हुई। जिसकी अनुमानित लागत स्थानीय बाजार में लगभग 35 लाख रुपये आंकी जा सकती है। पुलिस ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध 19/39/49. ख/51/56/57 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधित 2006 के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपितों को अदालत में पेश किया जाएगा।
एसपी ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत यह बड़ा मामला है। जिसकी गहराई तक जाएंगे। किसने मारा और कहां पित्त पहुंचाई जा रही थी। उन्होंने बताया कि इस मामले केंद्रीय वन्य अन्वेषण आयोग से भी पुलिस टीम को मदद मिली। उन्होंने बताया कि इस मामले आरोपी डिगर सिंह पूर्व में एनडीपीएस एक्ट में दोषमुक्त हुआ है। जबकि अन्य आरोपितों का पुलिस आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। पूछताछ में पता हुआ कि उच्च हिमालयी वन क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का शिकार कर बाहरी जिलों और राज्यों में तस्करी करते थे। उच्च दामों पर बेचा जाता था।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपित
गिरफ्तार आरोपियों में कपकोट के झूनी गांव निवासी डिगर सिंह पुत्र सूप सिंह 55 वर्ष, खोलियागांव चौंरा निवासी मनोज उपाध्याय पुत्र रमेश चंद्र उपाध्याय 30 वर्ष और मिकिला खलपट्टा निवासी जगत सिंह पुत्र प्रताप सिंह 52 वर्ष शामिल हैं।
ये रही टीम और 10 हजार ईनाम
टीम में एसओजी प्रभारी प्रहलाद सिंह बिष्ट, एचसी राजभानू, कांस्टेबल इमरान खन, रमेश सिंह, भुवन बोरा, चालक राजेंद्र प्रसाद, आरओ श्याम सिंह करायत, सीओ अंकित कंडारी आदि शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक अक्षय कोण्डे ने एसओजी टीम को सफलता पर उसकी पीठ थपथपाई और टीम को 10 हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की।