सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
बैंकों ने निजीकरण के विरोध में आज बैंक दूसरे दिन भी बंद रहे। अधिकतर एटीएम से भी पैसा नहीं निकला। जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी हुई। वहीं, बैंक कर्मचारियों ने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। बैंकों का निजीकरण करने और बैंकिंग कानून में संशोधन बिल का विरोध किया।
शुक्रवार को भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों ने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि संसद शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन बिल 2021 पेश किया जा रहा है। जिसके चलते देशभर के लगभग दस लाख से अधिक कर्मचारी और अधिकारी इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार ने अपने बजट सत्र में दो बैंकों के निजीकरण करने की बात कही थी। निजीकरण से जहां कारपोरेट घरानों को बड़े फायदे पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की अनदेखी की जा रही है। देश के लाखों जमाकर्ताओं के हित भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। पहले भी निजी बैंक समय-समय पर फेल होते रहे हैं। उनको बचाने को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आगे आए हैं। सरकार दो बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 26 प्रतिशत तक लाने का विचार कर रही है।
इस मौके पर इस मौके पर सुदर्शन रौतेला, शंकर सिंह, प्रमोद जखोला, दीपक खाती, हिमांशु बिष्ट, अंशुल भंडारी, चेतन प्रसाद, मनीषा तिवारी, काजल नेगी आदि मौजूद थे। इधर, नगर में 13 एटीएम हैं। अधिकतर एटीएम से पैसा नहीं निकला। गांवों से बाजार आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।