सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। उत्तराखंड विधान सभा में बजट सत्र के दौरान सदन में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अमार्यादित बयान पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। नाराज कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री समेत प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सत्ता के नशे में भाजपा नेता बेलगाम हो गए हैं। जिसे कांग्रेस सहन नहीं करेगी।
जिलाध्यक्ष भगवत डसीला के नेतृत्व में कार्यकर्ता शनिवार को एसबीआई तिराहे पर एकत्रित हुए। यहां नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि भाजपा के विधायक व नेता बेलगाम हो गए हैं। वह आए दिन अनर्गल बयानबाजी करने के साथ सत्ता की हनक भी लोगों को दिखा रहे हैं। इसकी करतूथ किसी से छिपी नहीं है।
शुक्रवार को भाजपा के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सारी मर्यादा तार-तार कर दी है। उन्होंने जो बयान दिया है उससे कांग्रेस आहत हैं। उनके बयान पहाड़ विरोधी है। मंत्री यह भूल गए हैं कि उन्हें जो सत्ता मिली है वह पहाड़ के लोगों की कुर्बानी से ही मिली है। इसके बाद उन्होंने अग्रवाल, सीएम व प्रदेश रसरकार का पुतला दहन किया। इस मौके पर राजेंद्र परिहार,भगत रावल, बलबंत बिष्ट, किशन गिरी, कुंदन गिरी, हरीश त्रिकोटी, फिरोज खान, राजेंद्र कुमार, भूपाल सिंह, राहुल बाराकोटी, बसंत नाथ, हरीश नेगी आदि मौजूद रहे।
उधर कपकोट ब्लॉक व नगर कांग्रेस कमेटी कपकोट द्वारा शुक्रवार को विधानसभा सत्र में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के प्रति जिस प्रकार अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया उसके विरोध में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल का पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही उपजिलाधिकारी कपकोट के माध्यम से महामहिम राज्यकाल ज्ञापन भेजकर मंत्री को तत्काल मंत्री मंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। इस दौरान
ब्लॉक अध्यक्ष दीपक गड़िया पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी एड चामू सिंह देवली,पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कपकोट गोविन्द बिष्ट प्रवीन ऐठानी छात्र संघ अध्यक्ष गणेश कोरंगा, दर्शन दानू आदि मौजूद थे ।
उत्तराखंड सरकार को भंग करें मोदी व नड्डा
बागेश्वर। प्रेम चंद अग्रवाल के बयान पर सवाल संगठन ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। संगठन के अध्यक्ष रमेश पांडेय कृषक ने कहा कि पहाड़ की इस बेइज्जती के बाद वर्तमान उत्तराखंड सरकार को एक मिनट के लिए भी बने रहने का अधिकार नहीं बचा है। यदि पहाड़ के प्रति थोड़ा भी सम्मान नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा में है तो उत्तराखंड सरकार को भंग कर जनता से माफी मांगे। विधायकों से भी पूछा हैकि इतनी जघन्य गाली सुनने के बाद भी वह चुप क्यों बैठे हैं। मुख्यमंत्री भी इस गाली का हिस्सा हैं।