सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। जनपद के चिकित्सालयों में चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों एवं उनके तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चिकित्सकों की हड़ताल से ओपीडी पूरी तरह से बंद हुई, लेकिन आपातकालीन सेवा जारी रही।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड के आह्वान पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिले भर के चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। चिकित्सको ने पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा दे रहे चिकित्सकों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन देने की मांग की है।
चिकित्सक लंबे समय से सुगम-दुर्गम क्षेत्र निर्धारण को व्यावहारिक रूप से निर्धारित करने, सेवाकाल में एक बार शिथिलीकरण देने के लिए एसडीएसीपी योजना में हो रहे विलंब को समयबद्ध तरीके से लागू करने की मांग कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि शासन स्वास्थ्य कर्मियों की मांग को अनदेखा कर रहा है।
जिला अस्पताल परिसर में चिकित्सकों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान डॉ डीपी शुक्ला, डॉ नसीम, डॉ राजीव उपाध्याय, डॉ रीमा, डॉ गायत्री जंगपांगती, डॉ सीएस भेसौड़ा, आदि अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे।
उधर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कांडा, कपकोट व मोहन सिंह मेहता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ के चिकित्सक हड़ताल पर रहे। ओपीडी बंद होने से मरीज परेशान रहे। जिससे लोगों में तीव्र रोष देखा गया।
शुक्रवार को बैजनाथ अस्पताल के चिकित्सक हड़ताल पर रहे। दूरदराज क्षेत्रों से भारी संख्या में मरीज यहां उपचार के लिए पहुंचे थे, लेकिन हड़ताल के चलते उन्हें निराशा हाथ लगी। अधिकांश लोग दवा वितरण कक्ष से दवा लेकर वापस लौट गए।
जागरूक नागरिक रमेश पांडे, प्रमोद जोशी, कृष्ण चंद्र, भोला दत्त आदि ने इस अव्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि हड़ताल की सूचना पूर्व में प्रचारित व प्रसारित की जानी चाहिए ताकि दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।