लोहाघाट। एक ओर जहां कोरोना महामारी के डर से इंसान इंसान को कंधा देने से भी परहेज कर रहा है वहीं तल्ली चांदमारी निवासी अंजू गहतोड़ी लावारिस बेजुबानों के शवों को बाकायदा गड्ढे खोद कर दफना रही हैं। अंजू अपने क्षेत्र में जानवरों के शवों को खुले में सड़ने नहीं दे रहीं।
उनका कहना है कि इससे बीमारी फैल सकती है इसलिए उन्हें गड्ढे खोदकर उनमें दफनाना भी मानव सेवा का ही एक पहलू हैं। बंदरों के हमलों में घायल या किसी भी अन्य वजहों से घायल जानवरों के जख्मों पर मरहम लगाकर अंजू उन्हें स्वस्थ करने के लिए भी प्रयासरत हैं। हाल ही में अंजू ने एक कुत्ते की लाश को खुले में पड़े देखा तो निर्माणाधीन डायट के बनबसा निवासी श्रमिक सुमित की मदद से गडढा खा्ेदकर उसे दफनाने का फैसला किया। उन्होंने कुत्ते के शव पर नमक छिड़का और बाद में गड्ढे पर अगरबतती जलाकर दुर्गंध को दूर भी भगाया। उनके इस प्रयास को स्थानीय लेाग सराह रहे हैं।
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