✒️ मेडिकल कॉलेज से स्थानांतरित चिकित्सकों के समर्थन में उतरे कर्नाटक
✒️ स्वास्थ सचिव एवं स्वास्थ महानिदेशक से की फोन पर वार्ता
✒️ स्थानांतरण रद्द ना होने पर 15 मार्च से दी आमरण अनशन की चेतावनी
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक आज मेडिकल कॉलेज में अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे चिकित्सकों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सरकार से चिकित्सकों के इन तबादलो को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की।
कर्नाटक ने धरना स्थल से ही स्वास्थ महानिदेशक विनीता शाह एवं स्वास्थ सचिव आर राजेश कुमार तथा निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉक्टर आशुतोष सयाना से वार्ता की। मांग की कि तत्काल प्रभाव से चिकित्सकों के तबादला आदेश निरस्त किए जाए। जिस पर उनके द्वारा सकारात्मक आश्वासन दिया गया की आज सायं तक इस विषय पर सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी।
विदित हो कि चार दिन पूर्व शासन ने देर सायं अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज से लगभग एक दर्जन चिकित्सको का स्थानांतरण कर दिया। जिससे जनता सहित चिकित्सको में काफी रोष है। अपना स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग को लेकर उक्त चिकित्सक ओपीडी का बहिष्कार कर धरना दे रहे हैं। आज धरना स्थल पर पहुंचकर पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने चिकित्सको के धरने को अपना समर्थन दिया तथा कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पहले से ही स्वास्थ सुविधाओ के नाम पर रेफलर सेंटर बना हुआ है। ऐसे में लगभग एक दर्जन चिकित्सको के स्थानांतरण से मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है तथा जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ मिलकर काफी संघर्ष किया है, लेकिन आज बड़े दु:ख का विषय है कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज मात्र एक सफेद हाथी बनकर रह गया है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा की ऐसी क्या आपदा आन पड़ी थी जो आनन-फानन में शासन को इन एक दर्जन चिकित्सको का तबादला करना पड़ा। उन्होंने कहा की सबसे पहले तो सरकार जनहित में अविलंब इन चिकित्सको का तबादला निरस्त करे एवम इन तबादलो के पीछे जिसका भी हाथ है उस पर भी सख्त कार्यवाही की जाए।
कर्नाटक ने कहा कि यदि तुरंत प्रभाव से इन चिकित्सको का तबादला निरस्त नहीं किया जाता एवम मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ सुविधाएं दुरुस्त नहीं को जाती तो मजबूर होकर वे मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवम प्रदेश सरकार के खिलाफ धरने पर बैठेंगे। कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की स्थापना इस उद्देश्य से करवाई गई थी ताकि अल्मोड़ा सहित रानीखेत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ आदि दूरस्थ इलाकों के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके। उन्होने जनप्रतिनिधियों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि इस मुद्दे पर क्यों मौन है ये समझ से परे है।
उन्होंने कहा की जनप्रतिनिधियों को भी अब नींद से जागना चाहिए तथा मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु एवम चिकित्सको के स्थानांतरण निरस्त करवाने हेतु आगे आना चाहिए। कर्नाटक ने जनता से भी अपील की कि जनता भी आगे आए तथा ऐसे जन प्रतिनिधियों को चिन्हित करने का काम करे, जो चुनाव जीतने के बाद जनहित के मुद्दों से आंखे चुराते फिरते है तथा सरकार एवम अधिकारियों के दबाव में रहते है।
धरने में डॉक्टर चैनी खान, डॉ गरिमा टम्टा, डॉ हिमानी जलखानी, डॉ कोशल पांडे, डॉ मनोज वर्मा, डॉ मोहम्मद बिलाल अली त्यागी, डॉ मुकेश शर्मा, डॉ ओम प्रकाश फौजदार, डॉ प्रियांक गोयल, डॉ तारा सिंह, डॉ वेदांत शर्मा, डॉ विनीता आर्या उपस्थित रहे। कर्नाटक के साथ समर्थन देने वालो में बीएस मनकोटी, राजेश सिंह अलमिया, प्रदेश महामंत्री कांग्रेस एससी प्रकोष्ठ रोहित शैली, देवेंद्र प्रसाद कर्नाटक, गौरव अवस्थी, हेम जोशी, पूर्व कांग्रेस जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक उपस्थित रहे।