अल्मोड़ा विधानसभा 2022 : इन खास वोटरों पर टिकी भाजपा—कांग्रेस की नजर

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
उत्तराखंड में कल होने जा रहे मतदान के अंतिम दिन भी अल्मोड़ा विधानसभा में कांग्रेस—भाजपा के कार्यकर्ता घर—घर जनसंपर्क में जुटे हैं। बावजूद इसके, सच्चाई तो यह है कि इन दलों द्वारा ऐड़ी—चोटी का जोर सिर्फ 5 फीसदी वोटरों को रिझाने के लिए लगा रखा है, जबकि अब यह माना जा रहा है कि 95 प्रतिशत मतदाता तय कर चुका है कि उसने किसके पक्ष में मतदान करना है।
अल्मोड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव पर यदि गौर करें तो भाजपा प्रत्याशी रघुनाथ सिंह चौहान ने कांग्रेस के मनोज तिवारी को 5,379 मतों से पराजित किया था। यहां चौहान को 26 हजार 464 तथा मनोज तिवारी को 21 हजार 85 मत मिले थे। तब तीसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी संजय टम्टा रहे थे, जिन्हें मात्र 1654 वोट मिले थे। इसके अलावा तब निर्दलियों सहित अन्य 08 प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में थे।
यदि वर्तमान चुनाव का विश्वलेषण करें तो इस बार भाजपा ने अपने दिग्गज कैलाश शर्मा को कांग्रेस के मनोज तिवारी के खिलाफ उतारा है। वहीं आप, उक्रांद, बसपा, सपा व निर्दलियों सहित कुल 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला भले ही भाजपा—कांग्रेस के बीच है, लेकिन अन्य प्रत्याशी वोट काटने की भूमिका जरूर निभायेंगे। समझने वाली बात है कि जिस चुनाव में कांटे की टक्कर है और हार—जीत का अंतर बहुत अधिक नहीं होने की सम्भावना हैं। वहां भाजपा—कांग्रेस के लिए हर एक वोट के बहुत मायने हैं।
अल्मोड़ा विधानसभा को लेकर इस बार भी राजनैतिक विश्लेषक यही अनुमान लगा रहे हैं कि टक्कर बहुत कांटे की होगी। दोनों पार्टियों का यहां इतिहास रहा है कि भाजपा व कांग्रेस के यहां ऐसे कट्टर समर्थक हैं, जो किसी भी चुनाव प्रचार, स्टार प्रचारकों के आगमन के बावजूद पलटने वाले नहीं हैं। यानी मतदाताओं का लगभग 95 प्रतिशत ऐसा है, जो तय कर चुका है कि उसे किसके पक्ष में मतदान करना है।
इन परिस्थितियों में घर—घर जाकर कांग्रेस—भाजपा व अन्य दलों द्वारा वोट मांगने जाने का कारण यह है कि उन्हें यह बात अच्छी तरह से मालूम है कि सिर्फ ऐसे 05 प्रतिशत मतदाता जीत का लक्ष्य पूरा करते हैं, जो वास्तव में पूरे चुनावी सीजन में सोच—विचार में ही उलझे रहते हैं और अंतिम दिवस यह तय कर पाते हैं कि उन्हें किसके पक्ष में मतदान करना है। ऐसे मतदाताओं को सरल भाषा में फ्लोटिंग वोटर कहा जा सकता है। ऐसे वोटर केवल अल्मोड़ा विधानसभा ही नहीं, बल्कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में हुआ करते हैं। यह वह वोटर हैं, जो कभी भी अपना निर्णय किन्हीं कारण से बदल सकते हैं। वास्तव में यह लोग किसी भी पार्टी के कट्टर समर्थक नहीं होते। उम्मीद है कि भाजपा या कांग्रेस में कल मतदान से पूर्व जो कोई भी इस पांच प्रतिशत फ्लोटिंग वोटरों को साध लेगा, वहीं जीत दर्ज करेगा। हालांकि निश्चित रूप से कुछ कहा तो नहीं जा सकता, लेकिन अधिकांश राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अल्मोड़ा विधानसभा में इस बार भी पांच—साढ़े पांच हजार मत से ही कांग्रेस व भाजपा के बीच हार—जीत तय होगी।
यह भी जानिये : अल्मोड़ा में ही है जिले का सबसे बड़ा और छोटा बूथ
विशेष उल्लेखनीय है कि जनपद की कुल 06 विधानसभाओं में सबसे छोटा और सबसे बड़ा दोनों ही बूथ अल्मोड़ा में हैं। कटौजिया जनपद का सबसे कम मतदाताओं वाला और सरकार की आली सबसे अधिक मतदाताओं वाला बूथ है। कटौजिया में सिर्फ 96 तो सरकार की आली में 1202 मतदाता हैं। इसी साल बना नया बूथ कटौजिया मोटरमार्ग से 10 किमी दूरी पर है। कल 14 फरवरी को होने जा रहे मतदान के लिए जिले में कुल 911 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। मतदान को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने पूरी चाक—चौबंद व्यवस्था की है।
अल्मोड़ा विधानसभा चुनाव 2017 का यह रहा था रिजल्ट —
