👉 काम रोकने संबंधी प्रकरण पर पत्रकारों से मुखातिब हुए जागेश्वर के विधायक
👉 बोले, हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं मगर धन स्वीकृति व गुपचुप टेंडरों की जांच कराएंगे
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जागेश्वर के विधायक मोहन सिंह महरा ने कहा है कि कांग्रेस के लोग बात का बतंगड़ बनाकर और पुतला फूंककर उन्हें बदनाम करने और विकास विरोधी बताने का प्रयास कर रहे हैं, किंतु उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि मोहन सिंह महरा ने जब से होश संभाला है, तब से वह अनुसूचित जाति का सबसे बड़ा हितैषी रहा है। श्री महरा ने प्रकरण पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए वह धन स्वीकृत होने व गुपचुप टेण्डर होने की जांच कराएंगे।
अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों के विकास कार्यों को रोकने के आरोप के चलते कांग्रेसजनों द्वारा पुतला फूंके जाने के बाद आज जागेश्वर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोहन सिंह महरा जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से मुखातिब हुए और उन्होेंने अपना पक्ष रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोग बात का बतंगड़ बनाकर उन्हें बदनाम करने के लिए उनका पुतला फूंकने की राजनीति कर रहे हैं। श्री महरा ने साफ कहा कि इस प्रकरण में उच्च न्यायालय के आदेश का वह पूर्ण सम्मान करते हैं। साथ ही अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके द्वारा समाज कल्याण विभाग से जागेश्वर विधानसभा अंतर्गत अनुसूचित जाति उप योजना के तहत अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 55 लाख रुपये स्वीकृत कराए गए थे और पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकताओं की सहमति के बाद लमगड़ा व धौलादेवी ब्लाकों के 11 गांवों में 5—5 लाख रुपये अवमुक्त किए। उन्होंने कहा कि बाद में कुछ लोगों ने समाज कल्याण विभाग में आपसी मिलीभगत से जागेश्वर विधानसभा की मात्र एक न्याय पंचायत में केवल 05 निर्माण कार्यों के लिए 82.44 लाख रुपये स्वीकृत करा लिये और इसकी जानकारी उनके संज्ञान में नहीं लाई गई। इतना ही नहीं कार्यदायी संस्था ने गुपचुप तरीके से कार्यों के टेण्डर भी करा लिये और एक ही व्यक्ति को 5 योजनाओं का कार्य दे दिया।
श्री महरा ने बताया कि जब उनके संज्ञान में 82.44 लाख रुपये की स्वीकृति का मामला आया। तो उन्हें प्रतीत हुआ कि सभी अनुसूचित बाहुल्य गांवों को समान रुप से धनावंटन होना चाहिए। इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री चन्दन राम दास को अपनी मंशा बताई और सिर्फ 5 योजनाओं के लिए स्वीकृत उक्त 82.44 लाख रुपये धनराशि पर रोक लगाते हुए योजना का लाभ अधिकाधिक अनुसूचित बाहुल्य गांवों को देने का अनुरोध किया। श्री महरा ने बताया कि उनके इस अनुरोध पर समाज कल्याण मंत्री ने 10 मार्च 2023 को जिलाधिकारी अल्मोड़ा को पत्र भेजकर उक्त योजना के लिए स्वीकृत धनराशि को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखने के निर्देश दिए। इसी क्रम में उनके द्वारा भी जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया।
विधायक महरा ने कहा कि इसी बात पर कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए और जिस पर हाईकोर्ट ने कार्य पर रोक हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, मगर वे यह जांच जरूर कराएंगे कि उनकी विधानसभा में काम की गुणवत्ता कैसी है? उक्त धन किस तरीके से स्वीकृत हुआ और गुपचुप तरीके से टेण्डर क्यों हुए? उन्होंने साफ कहा कि उनका मकसद योजना से अधिकाधिक अनुसूचित बाहुल्य गांवों को जोड़ना है। श्री महरा ने कहा कि अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं पर रोक लगाने के आरोप के साथ उनका पुतला फूंकने वाले कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओें को यह मालूम होना चाहिए कि मोहन सिंह महरा ने जब से होश संभाला है, तब से वह अनुसूचित जाति का सबसे बड़ा हितैषी रहा है तथा उनके हितों के लिए हमेशा कार्य करता रहा है। उन्होंने कहा कि पुतला फूंकने वाले कभी अनुसूचित जाति के हितैषी नहीं हो सकते। पत्रकार वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा, जिला महामंत्री धर्मेंद्र बिष्ट, मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह बिष्ट, जिला उपाध्यक्ष प्रकाश भट्ट, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार, महामंत्री दीवान आर्या, ललित मोहन दोसाद, कुंदन नगरकोटी आदि शामिल रहे।