Almora Breaking: चरस के दो तस्करों को 10—10 साल की कठोर कारावास

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाविशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने चरस तस्करी के एक मामले में दो अभियुक्तों को 10—10 साल की कठोर…

छात्रा से छेड़खानी मामले में फंसे प्राध्यापक दोषमुक्त

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने चरस तस्करी के एक मामले में दो अभियुक्तों को 10—10 साल की कठोर कारावास तथा 50—50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

मामले की कहानी के मुताबिक थाना चौखुटिया की पुलिस ने 16 जनवरी 2019 को महाकालेश्वर पुल के पास वाहन चेकिंग के दौरान एक ओम्नी कार संख्या यूके 01 टीए 3292 को रोका और कार कुछ आगे जाकर रूकी। इतने में पिछले दरवाजे से उतर कर एक व्यक्ति भाग गया जबकि दूसरा भी भागने के फिराक में था कि पुलिस ने रोक लिया। उसने अपना नाम संतोष कुमार उर्फ संजय कुमार पुत्र भुवन चंद्र, निवासी ग्राम घघलोड़ी, थाना द्वाराहाट, जिला अल्मोड़ा बताया। चालक ने अपना नाम बालीराम बताया और बताया कि संतोष कुमार ने उसकी गाड़ी बुक कराई थी। पूछताछ में पता चला कि भागने वाला व्यक्ति हिम्मत बिष्ट उर्फ हेमंत बिष्ट उर्फ हेमू पुत्र दीवान सिंह बिष्ट, निवासी ग्राम कुकुछीना, तहसील द्वाराहाट, जिला अल्मोड़ा है। संतोष के पास मिले बैग की तलाशी में 02 किलो 930 ग्राम चरस बरामद हुई। संतोष ने पुलिस को बताया कि यह चरस उसकी और हेमंत बिष्ट की, जिसे वे चौखुटिया क्षेत्र में बेचने गए थे, लेकिन ग्राहक नहीं मिलने से वापस लौट रहे थे।

बाद में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा की अदालत में चला। मामले में अभियोजन की ओर से 11 गवाह न्यायालय में परीक्षित कराए गए। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय को बताया कि दोनों आरोपियों द्वारा अवैध रूप से चरस का कारोबार किया जा रहा है। उन्होंने दस्तावेजी साक्ष्य भी अदालत में प्रस्तुत किए। विशेष सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान ने दस्तावेजी साक्ष्यों व पत्रावली का परिशीलन कर फैसला सुनाया। जिसमें उक्त दोनों अभियुक्तों को धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत 10—10 साल की कठोर कारावास 50—50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। सा​थ ही अर्थदंड अदा नहीं करने पर तीन—तीन माह के कारावास की सजा सुनाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *