सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
गत बुधवार को अल्मोड़ा में बने विशालकाय रावण के पुतले का दहन धरा रह गया था। करीब 09 दशकों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब विजयादशमी को रावण का पुतले का दहन नहीं हो सका और उसे वापस लाकर उसी स्थान पर रख दिया, जहां पर वह बना था। इससे शहर की छवि प्रभावित हुई और यह बात पूरे दिनभर लोगों के बीच व्यापक चर्चा में रही। बमुश्किल दूसरे रोज यानी आज शाम सहमति बनी और कुछ देर पहले रावण के पुतले का दहन कर दिया गया है।
विवाद के चलते रावण का पुतला धरा रह गया था। जो चर्चा का विषय बन गया। इससे कई सवाल खड़े हो गए। इसके गुरुवार यानि आज शाम नगरपालिका में उप जिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान, दशहरा महोत्सव समिति व नंदादेवी पुतला समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों की बैठक हुई। जिसमें लंबी चर्चा के बाद रावण के पुतले के दहन पर सहमति बनी। इसके बाद आज रात यानी कुछ समय पहले ही जुलूस की शक्ल में लाला बाजार से रावण के पुतले को शिखर तिराहे के करीब स्थित टैक्सी स्टेण्ड के पास लाया गया, जहां उसका दहन कर दिया गया। जिससे फिलहाल सभी को राहत मिली है।