सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अवशेष देयकों का भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति के बैनर तले संघर्षरत गल्ला विक्रेताओं के समर्थन में अब ग्राम प्रधान संगठन भी आ गया है। संगठन के जिलाध्यक्ष ने जारी बयान में साफ कर दिया है कि गल्ला विक्रेताओं की हड़ताल अवधि में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खाद्यान्न वितरण का कार्य कोई भी ग्राम प्रधान नहीं करेगा। प्रधान संगठन के इस फैसले से राशन वितरण का अन्य विकल्प तलाश रहे शासन को बड़ा झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि आज अल्मोड़ा के ग्राम प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी ने एक बड़ा बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह पर्वतीय क्षेत्र के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की मांगों को तुरंत पूरा करे। उन्होंने कहा कि उनके हड़ताल होने के कारण खाद्यान व्यवस्था चरमरा गई है तथा लाभार्थियों को उसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने जिला प्रशासन के इस आदेश पर भी कड़ी आपत्ति व्यक्त की है कि वह ग्राम प्रधानों के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण कराएंगे। उन्होंने कहा है कि कोई भी प्रधान इस सरकारी खाद्यान्न का वितरण नहीं करेगा। ग्राम प्रधान इस संबंध में सरकारी गल्ला विक्रेता के साथ हैं। शासन को गल्ला विक्रेताओं के संगठन से शीघ्र वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान कर उचित मांगों को तुरंत पूरा करना चाहिए। ग्राम प्रधान संगठन के इस फैसले से यह तय हो चुका है कि सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की हड़ताल के दौरान राशन वितरण की अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की राह सरकार के लिए कतई आसान नहीं होगी। अब शासन के पास गल्ला विक्रेताओं से बातचीत ही अंतिम विकल्प शेष है।